बिहार के प्राइमरी स्कूलों में नये सत्र से शिक्षकों के लिए तय मानक लागू होंगे। प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षक समेत न्यूनतम पांच शिक्षक और मध्य विद्यालयों में प्रधानाध्यापक समेत न्यूनतम नौ शिक्षक होने अनिवार्य होंगे। जिला शिक्षा अधिकारियों को 31 जनवरी तक रिपोर्ट अपलोड करने को कहा गया है। पर्याप्त संख्या में शिक्षकों की संख्या होने से छात्रों की गुणवत्ता में सुधार होगा।
Bihar News: बिहार में नये सत्र से राज्य के सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के तय मानक लागू होंगे। इसके लिए शिक्षा विभाग ने सभी 71,863 प्रारंभिक विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती का मानक तय कर दिया है। इसके मुताबिक प्रदेश के 40,566 प्राथमिक विद्यालयों (कक्षा एक से पांच) में प्रधान शिक्षक समेत न्यूनतम पांच शिक्षक की तैनाती अनिवार्य की गई है।
इसी प्रकार सभी 31,297 मध्य विद्यालयों (कक्षा एक से आठ) में प्रधानाध्यापक समेत न्यूनतम नौ शिक्षक का मानक निर्धारित किया गया है। इस संबंध में प्राथमिक शिक्षा निदेशक पंकज कुमार की ओर से सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि शिक्षकों के तय मानक को प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाया जाए।
31 जनवरी तक अपलोड करनी होगी रिपोर्ट
इसी मानक के आधार पर विद्यालयों में शिक्षकों के स्वीकृत बल और आवश्यक शिक्षकों की रिपोर्ट 31 जनवरी तक शिक्षा विभाग के ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर अपलोड करने को कहा गया है। विभागीय निर्देश में कहा गया है कि प्रत्येक शिक्षक के लिए कम-से-कम एक वर्ग कक्ष होना चाहिए।
शिक्षकों का वास्तविक आकलन विद्यालय में कमरों की उपलब्धता के आधार पर किया जाएगा। कक्षा एक से पांच तक के विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या एक से 120 तक रहेगी तो वहां पांच शिक्षक रहेंगे। 121 से 150 की संख्या होने पर छह शिक्षक रहेंगे। 150 से अधिक प्रत्येक 40 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक बढ़ेंगे।
इसी प्रकार कक्षा छह से आठ के लिए एक से 105 विद्यार्थी पर विज्ञान एवं गणित के एक, सामाजिक अध्ययन के एक तथा हिन्दी और अंग्रेजी के एक-एक शिक्षक होंगे। आवश्यकतानुसार उर्दू और संस्कृत विषय के शिक्षक का प्रावधान किया जा सकता है। 105 से अधिक प्रत्येक 35 विद्यार्थी पर एक शिक्षक होंगे।
तय मानक इस प्रकार हैं
- प्राथमिक विद्यालय (कक्षा एक से पांच तक) छात्रों को नामांकन
- एक से 120 छात्र रहने पर शिक्षकों की संख्या 4 होगी
- 121-150 छात्र रहने पर शिक्षकों की संख्या 5 होगी
- 150 से अधिक छात्र रहने पर प्रत्येक 40 छात्र पर एक शिक्षक
प्राइमरी स्कूल, जिसे प्राथमिक विद्यालय भी कहा जाता है, में बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा प्रदान की जाती है। यह शिक्षा का पहला चरण होता है, जिसमें बच्चे 5 से 11 वर्ष की आयु के होते हैं।
प्राइमरी स्कूल में बच्चों को न केवल किताबी ज्ञान प्रदान किया जाता है, बल्कि उन्हें सामाजिक और भावनात्मक रूप से भी विकसित किया जाता है। प्राइमरी स्कूल के बाद, बच्चे माध्यमिक विद्यालय में प्रवेश लेते हैं।
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