SBI vs HDFC bank: बैंकों की टर्म डिपॉजिट या फिक्स्ड डिपॉजिट (TDs/FDs) देश में पॉपुलर निवेश के विकल्पों में से एक हैं. इनमें डिपॉजिटर को बाजार का जोखिम नहीं होता है और उसे तय अवधि के बाद ब्याज के साथ एक फिक्सड इनकम होती है. आइए जानते हैं, सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के दो बड़े बैंकों SBI और HDFC Bank 5 साल के लिए 5 लाख रुपये की एफडी पर रेगुलर और सीनियर सिटीजन कहां ज्यादा फायदा होगा.
SBI FD rates 2024
SBI रेगुलर कस्टमर को 5 साल की FD पर सालाना 6.5 फीसदी ब्याज दे रहा है. सीनियर सिटीजन के लिए यह दरें 7.50 फीसदी हैं. ये ब्याज दरें 27 दिसंबर 2023 से 2 करोड़ रुपये से कम के जमा पर लागू हैं.
SBI FD Calculator के मुताबिक, अगर रेगुलर कस्टमर ने 5 लाख रुपये की एफडी कराता है, तो मैच्योरिटी पर 6,90,209 रुपये मिलेंगे. यानी, ब्याज से 1,90,209 रुपये की इनकम होगी. सीनियर सिटीजन को 5 लाख रुपये जमा करने पर मैच्योरिटी पर 7,24,974 रुपये मिलेंगे. इसमें ब्याज से 2,24,974 रुपये की गारंटीड इनकम होगी.
HDFC Bank FD rates 2024
HDFC bank रेगुलर कस्टमर को 5 साल की FD पर सालाना 7 फीसदी ब्याज दे रहा है. सीनियर सिटीजन के लिए यह दरें 7.50 फीसदी हैं. ये ब्याज दरें 9 फरवरी 2024 से 2 करोड़ रुपये से कम के जमा पर लागू हैं.
HDFC FD Calculator के मुताबिक, अगर रेगुलर कस्टमर ने 5 लाख रुपये की एफडी कराता है, तो मैच्योरिटी पर 7,07,389 रुपये मिलेंगे. यानी, ब्याज से 2,07,389 रुपये की इनकम होगी.
सीनियर सिटीजन को 5 लाख रुपये जमा करने पर मैच्योरिटी पर 7,24,974 रुपये मिलेंगे. इसमें ब्याज से 2,24,974 लाख रुपये की गारंटीड इनकम होगी.
Tax Benefits: 1.5 लाख तक डिडक्शन
किसी भी बैंक में 5 साल की FD कराते हैं, तो सेक्शन 80C में टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है. इसमें एक फाइनेंशियल ईयर में अधिकतम 1.50 लाख रुपये तक निवेश पर टैक्स डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है. इसमें 5 साल का लॉक इन पीरियड होता है. यह अवधि 10 साल तक बढ़ सकती है.
इनकम टैक्स नियम के मुताबिक, हालांकि, FD से मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल होता है. अगर FD/TD पर एक वित्त वर्ष में मिलने वाला ब्याज 40,000 रुपये से ज्यादा है, तो TDS (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) कटता है. सीनियर सिटीजंस के लिए यह लिमिट 50,000 रुपये है. अगर किसी व्यक्ति की इनकम टैक्सेबल लिमिट से कम है, तो वह फॉर्म 15G और 15H भरकर बैंक को FD/TD पर कर TDS कटौती न करने रिक्वेस्ट करना होगा.
फॉर्म 15G उनके लिए है, जिनकी उम्र 60 साल से कम है. 60 साल तक टैक्सपेयर्स के लिए टैक्स छूट की लिमिट 2.5 लाख रुपये है. दूसरी ओर, फॉर्म 15H 60 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों के लिए होता है.
(नोट: FD की ब्याज दरें बैंकों की ऑफिशियल वेबसाइट्स से ली गई हैं.)