RBI की चेतावनी! यूपी-बिहार में बढ़ गया है छोटे लोन के डूबने का खतरा

0
171
RBI की चेतावनी! यूपी-बिहार में बढ़ गया है छोटे लोन के डूबने का खतरा
RBI की चेतावनी! यूपी-बिहार में बढ़ गया है छोटे लोन के डूबने का खतरा

देश में माइक्रो फाइनेंस कंपनियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। माइक्रो फाइनेंस कंपनियां और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाएं 10 हजार से लेकर 50 हजार तक छोटे कर्ज जारी करती हैं। RBI ने गैर बैंकिंग वित्त संस्थानों को ऋण बांटने की गति धीमी करने को कहा।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Follow Now

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का कहना है कि बिहार और उत्तर प्रदेश में छोटे कर्ज के डूबने का खतरा बढ़ गया है। ऐसे लोन बिना किसी गारंटी और बिना किसी आय के जारी किए जाते हैं। इसमें सबसे बड़ा खतरा यही रहता है कि गारंटी न होने पर बैंक कर्जदार से सीधे तौर पर कोई वसूली नहीं कर सकता है।

माइक्रो फाइनेंस कंपनियां और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाएं 10 हजार से लेकर 50 हजार तक छोटे कर्ज जारी करती हैं। इसे लेकर हर कंपनी और बैंक के नियम अलग-अलग हैं। कुछ संस्थाएं 50 हजार रुपये से अधिक भी लोन देती हैं। बिना गारंटी जारी किए जाने वाले ऐसे कर्ज में खतरा हमेशा बना रहता है।

वर्ष 2010 में आंध्र प्रदेश में ऐसी ही स्थिति खड़ी हुई थी, जब बैंक और गैर बैंकिंग संस्थाओं ने लोगों को जमकर छोटे ऋण बांटे। इसके बाद बड़ी संख्या में लोग कर्ज में डूबे तो राज्य सरकार ने ऋण वसूली पर रोक लगी दी। इस मामले में लोग सरकार से राहत की मांग कर रहे थे। इसके लिए राज्य सरकार 2010 में एक कानून ले आई, जिससे छोटे ऋणों की वसूली पर रोक लगा दी गई। इससे बैंक और गैर बैंकिंग कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। अब यही स्थिति दोनों राज्यों में दिखाई दे रही है।

बिहार में लगातार बढ़ रही लोन बांटने वाली कंपनियों की संख्या

देश में माइक्रो फाइनेंस कंपनियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। खासकर बिहार में वर्ष 2019 के बाद से इनकी संख्या में तेज इजाफा हुआ है। वर्ष 2019 में 20 से 25 कंपनियां ऋण देने में लगी थीं, लेकिन अब इनकी 40 से पार पहुंच गई है। यूपी के मुकाबले बिहार में स्थिति ज्‍यादा गंभीर है।

ये कंपनियां कंपनियां बिहार को लेकर चिंतित है लेकिन अब आरबीआई (RBI) ने भी आगाह किया है कि अगर लोन जारी करने में कमी नहीं लाई गई तो पैसा डूब सकता है। इस मामले में माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के अधिकारियों की बीते कुछ महीनों में लगातार बैठक भी हुई, जिसमें ऋण लेने के बाद उसकी अदायगी को लेकर चिंता जाहिर की गई।

बिहार की स्थिति

10.1 प्रतिशत लोगों ने तीन जगह से ऋण लिया

8.7 प्रतिशत लोगों ने चार या चार से अधिक जगह से ऋण लिया

यूपी की स्थिति

7.7 प्रतिशत लोगों ने तीन जगह से ऋण लिया

6.6 प्रतिशत लोगों ने चार या चार से अधिक जगह से ऋण लिया

राष्ट्रीय औसत

8.7 प्रतिशत लोगों ने तीन जगह से ऋण लिया

6.4 प्रतिशत लोगों ने चार या चार से अधिक जगह से ऋण लिया

ऋण वसूली बढ़ानी होगी

बैंकिंग विशेषज्ञ अश्वनी राणा के अनुसार. गैर बैंकिंग संस्थान बिना गारंटी धड़ल्ले से छोटे ऋण बांटते हैं। इससे ऋण के डूबने का खतरा बढ़ जाता है। खासकर तब, जब कोई व्यक्ति एक साथ कई जगहों से ऋण उठा लेता है। अगर वो एक जगह का कर्ज चुका नहीं पा रहा है तो दूसरी जगह चुकाने की संभावना भी कम हो जाती है। अब बैंकों और गैर बैंकिंग संस्थानों को बिहार और यूपी में ऋण जारी करने में कमी और वसूली पर काम करना होगा।

इसे भी पढ़े-

Disclaimer

This is a kind of entertainment news website, on which we pick up all kinds of information from different web sites and present it to the people, if there is any mistake by us, then you can contact us, we will try and make this website even better.