अगर आप नौकरीपेशा हैं तो हर महीने अपनी सैलरी की एक तय रकम EPFO में जमा करते होंगे। वैसे तो EPFO में जमा की गई रकम रिटायरमेंट के बाद मैच्योर हो जाती है, लेकिन जरूरत के वक्त EPFO से पैसे निकाले जा सकते हैं….?
इतना ही नहीं EPFO अपने सदस्यों को जरूरत के वक्त EPF फंड से पैसे निकालने की सुविधा देता है। वहीं, आंशिक निकासी के लिए एक सीमा तय की गई है। अगर आप अपने EPF खाते से पैसे निकालने की सोच रहे हैं तो EPFO के निकासी नियमों में हाल ही में हुए संशोधन के बारे में जान लें।
क्या हैं EPF निकासी के नए नियम 2024
- EPF से आंशिक निकासी के लिए EPF सदस्य को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। यह रकम शिक्षा, मकान खरीदने या बनवाने, शादी और इलाज के लिए ही निकाली जा सकती है।
- EPFO निकासी नियमों के मुताबिक, EPF धारक रिटायरमेंट से 1 साल पहले अपनी रकम का 90 फीसदी तक निकाल सकता है। 90 फीसदी रकम निकालने के लिए सदस्य की उम्र 54 साल से ज्यादा होनी चाहिए।
- कई कंपनियां इन दिनों कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं। लेकिन EPFO के नियमों के मुताबिक, अगर छंटनी होती है और कर्मचारी रिटायरमेंट से पहले बेरोजगार हो जाता है तो वह EPF फंड से पैसे निकाल सकता है।
- इसके अलावा, कर्मचारी एक महीने की बेरोजगारी के बाद 75 फीसदी रकम और लगातार 2 महीने बेरोजगार रहने पर पूरी रकम निकाल सकता है। नई नौकरी मिलने पर कर्मचारी फंड का बचा हुआ 25 फीसदी हिस्सा नए EPF अकाउंट में ट्रांसफर कर सकता है।
- इतना ही नहीं, अगर कोई कर्मचारी लगातार 5 साल तक ईपीएफ में योगदान देता है, तो उसे निकासी के समय टैक्स बेनिफिट का भी लाभ मिलता है। वहीं, मैच्योरिटी से पहले निकासी पर टीडीएस कटेगा। हालांकि, अगर निकासी 50,000 रुपये से कम है तो टीडीएस नहीं कटता है। अगर ईपीएफ सदस्य ने निकासी के लिए अपना पैन कार्ड जमा किया है, तो 10 फीसदी टीडीएस काटा जाता है। हालांकि, अगर पैन कार्ड जमा नहीं किया है, तो 30 फीसदी टीडीएस काटा जाता है।
आंशिक निकासी के लिए कहां करें आवेदन?
ईपीएफ सदस्य को ईपीएफ पोर्टल और उमंग ऐप पर आंशिक निकासी के लिए आवेदन करना होता है। नियोक्ता से मंजूरी मिलने के बाद सदस्य के बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर कर दिए जाते हैं। आंशिक निकासी के लिए आवेदन करने के बाद सदस्य स्टेटस भी चेक कर सकता है।