Pension News: सरकार ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना कर रही महिलाओं को ज्यादा फाइनेंशियल सुरक्षा देने के इरादे से पेंशन नियमों (Pension Rules) में बड़ा बदलाव किया है. अब तलाकशुदा (Divorced) या अलग रह रही बेटी कानूनी फैसले का इंतजार किए बिना सीधे अपने मृत पिता की पेंशन के लिए क्लेम कर सकती है. इसके अलावा अगर कोई महिला तलाक के लिए केस फाइल कर चुकी है, तो वह अपने पति की जगह अपने बच्चों को फैमिली पेंशन के लिए नॉमिनेट कर सकती है.
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इन बदलावों (Pension New Rules) की घोषणा करते हुए कहा कि हमने यह सुनिश्चित करने के लिए निर्णायक कदम उठाए हैं कि महिलाओं को अपनी हक की पेंशन के लिए संघर्ष न करना पड़े. ये सुधार ब्यूरोक्रेटिक बाधाओं को दूर करते हैं और तत्काल फाइनेंशियल राहत प्रदान करते हैं.
बदलावों पर एक नजर
तलाकशुदा या अलग हुई बेटी अदालत के फैसले का इंतजार किए बिना अपने मृत पिता की पेंशन का दावा कर सकती है. अगर तलाक की कार्यवाही पेंशनर के जीते-जी शुरू हो जाती है, तो महिला बेनिफिट्स के लिए पात्र होगी.
अगर कोई महिला पेंशनर तलाक के लिए केस फाइल या घरेलू हिंसा या दहेज उत्पीड़न से महिलाओं को सुरक्षा देने वाले कानूनों के तहत कार्यवाही शुरू कर चुकी है, तो वह पति के बजाय अपने बच्चों को फैमिली पेंशन के लिए नॉमिनेट कर सकती है.
बिना संतान की विधवा अगर दोबारा शादी करती है, फिर भी वो अपने मृत पति की पेंशन लेना जारी रख सकती है. लेकिन इस दौरान उसकी इनकम न्यूनतम पेंशन लिमिट से कम होनी चाहिए.
इन उपायों का मकसद कानूनी अनिश्चितताओं को दूर करके महिलाओं की फाइनेंशियल सुरक्षा को बढ़ाना है. पेंशन सुरक्षा के अलावा, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने सरकारी सर्विस में महिलाओं को सपोर्ट देने के लिए कई पहल शुरू की हैं:
1. बच्चों की देखभाल के लिए छुट्टी: सिंगल मां चरणों में दो साल तक की छुट्टी ले सकती हैं, जिसमें बच्चों के साथ विदेश यात्रा भी शामिल है.
2. मैटरनिटी बेनिफिट्स : अब गर्भपात (Miscarriage) और मृत शिशु (Stillbirths) के जन्म पर भी पेड लीव दी जाती हैं.
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