Old Pension Yojana Update: पुरानी पेंशन स्कीम और नई पेंशन स्कीम को लेकर लोगों के मन में अक्सर सवाल रहते हैं। एक तबका ऐसा है जो पुरानी पेंशन स्कीम का समर्थन कर रहा है तो दूसरी तरफ एक तबका नई पेंशन स्कीम का समर्थन कर रहा है। केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम की जगह नई पेंशन स्कीम को लागू किया है।
केंद्र सरकार के इस फैसले पर कई राज्यों में विरोध हुआ तो कुछ राज्यों ने पुरानी पेंशन स्कीम को ही लागू कर दिया। इस बीच जो लोग पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने की मांग कर रहे हैं, उनके लिए केंद्र सरकार की ओर से स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि फिलहाल पुरानी पेंशन स्कीम को वापस लागू करने पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है।
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने पंकज चौधरी ने संसद में स्पष्ट तौर पर कहा है कि ओल्ड पेंशन स्कीम पर किसी भी तरह के प्रस्ताव पर फिलहाल विचार नहीं किया जा रहा है। अहम बात यह है कि रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट में उन राज्यों को चेताया गया है जो पुरानी पेंशन स्कीम को लागू कर रहे हैं।
पुरानी पेंशन स्कीम को वर्ष 2003 में बंद कर दिया गया था, उसकी जगह नेशनल पेंशन स्कीम को 2004 में लागू किया गया था। उसके बाद से सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम की मांग कर रहे हैं।
2003 में जब अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम को खत्म करके राष्ट्रीय पेंशन स्कीम को 2004 में लागू किया था, उसके बाद से ही पुरानी पेंशन स्कीम और नई पेंशन स्कीम में क्या बदलाव हुए हैं, इसके क्या फायदे हैं और क्या नुकसान हैं, इसको लेकर चर्चा होती रहती है। इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको हर सवाल का जवाब देने की कोशिश करेंगे।
क्या है पुरानी पेंशन स्कीम-(What is the old pension scheme?)
पुरानी पेंशन स्कीम की बात करें तो इसमे सरकारी कर्मचारियों से किसी भी तरह का कोई अंशदान नहीं लिया जाता था। उनकी आखिरी सैलरी जो होती थी उसका आधा रिटायरमेंट के बाद पेंशन के तौर पर दिया जाता था। इस योजना में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को महंगाई भत्ता दिया जाता था। जो कर्मचारी सेवा में होते थे उनका डीए बढ़ता है। इसी तरह से पुरानी पेंशन स्कीम में डियरनेस रिलीफ को बढ़ाया जाता है।
सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम क्यों खत्म की-(Why did the government end the old pension scheme?)
दरअसल सरकार जिस तरह से कर्मचारी द्वारा बिना किसी अंशदान के उन्हें पेंशन देती थी और साथ ही महंगाई भत्ता बढ़ाती थी, उसकी वजह से सरकार को काफी बढ़ता था और इसका वहन सरकार को करना पड़ता था, यही वजह है कि सरकार नराष्ट्रीय पेंशन स्कीम लेकर आई, लेकिन इसका पुराने कर्मचारी विरोध करते हैं।
क्या है नई पेंशन स्कीम-(What is the new pension scheme?)
ई पेंशन स्कीम जिसे नेशनल पेंशन स्कीम यानि NPS के नाम से जाना जाता है, उसे 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने लागू किया था। इसके योजना में कर्मचारियों को निवेश की मंजूरी मिलती है।
कर्मचारी अपने सेवाकाल में पेंशन खाते में नियमित एक राशि को जमा करते है। इस योजना के तहत कर्मचारियों को रिटायर होने पर पेंशन की राशि का एक हिस्सा निकालने की अनुमति मिलती है। बची हुई राशि एन्युटी प्लान को खरीदा जा सकता है।
एन्युटी प्लान क्या है-(what is annuity plan)
एन्युटी की बात करें तो यह एक तरह का इंश्योरेंस उत्पाद है, जिसमे एकमुश्त निवेश करते हैं और इसे हर महीने या फिर तीन महीने, छह महीने और हर साल में निकाला जा सकता है। जबतक कर्मचारी जीवित रहता है उसे एक नियमित आमदनी मिलती रहती है। वहीं मृत्यु होने पर बाकी की राशि नॉमिनी को दे दी जाती है।
पुरानी और नई पेंशन स्कीम में अंतर-(Difference between old and new pension scheme)
- नई पेंशन योजना में कर्मचारी के वेतन का 10 फीसदी यानि बेसिक और डीए की कटौती होती है।
- पुरानी पेंशन स्कीम में किसी भी तरह की कोई कटौती नहीं होती है।
- नई पेंशन स्कीम में कोई भी जनरल पीएफ की सुविधा नहीं है, पुरानी पेंशन योजना में जनलर प्रोविडेंट फंड की सुविधा है।
- नई पेंशन योजना में हर 6 महीने पर महंगाई भत्ता को लागू नहीं किया जाता है जबकि पुरानी पेंशन स्कीम में यह लागू होती है।
- नई पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट के बाद शेयर बाजार के आधार पर पैसा मिलता है, इसपर टैक्स देना होता है
- पुरानी पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट के बाद जीपीएफ के ब्याज पर टैक्स नहीं देना पड़ता है।
क्यों हो रहा विरोध-(Why is there protest?)
एक्सपर्ट का मानना है कि पुरानी पेंशन योजना की तुलना में नई पेंशन योजना में कर्मचारियों को कम लाभ मिलते हैं, जिसकी वजह से कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित नहीं रहता है। नई पेंशन स्कीम में कर्मचारी को अर्जित राशि पर टैक्स भी देना पड़ता है। यही वजह है कि लोग नई पेंशन स्कीम का विरोध कर रहे हैं।
पांच राज्यों में पुरानी पेंशन स्कीम लागू-(Old pension scheme implemented in five states)
लोगों की मांग को देखते हुए और राजनीतिक वजहों को ध्यान में रखते हुए पांच राज्यों में पुरानी पेंशन स्कीम को फिर से बहाल किया गया है। पुरानी पेंशन स्कीम को पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड में लागू किया गया है।
ध्यान देने वाली बात है कि हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ तीनों ही राज्यों में कांग्रेस सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल किया था। लेकिन अब जब राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार आ चुकी है तो देखने वाली बात है कि क्या पुरानी पेंशन स्कीम को खत्म किया जाता है।
क्या है आरबीआई की रिपोर्ट-(What is the RBI report?)
हाल ही में आरबीआई की जो रिपोर्ट सामने आई है उसमे चेताया गया है कि अगर पुरानी पेंशन स्कीम को फिर से लागू किया जाता है तो राज्य की सरकारों पर तकरीबन 4.5 गुना तक आर्थिक बोझ बढ़ सकता है।
सरकार जनकल्याण के कार्यों को बेहतर तरीके से नहीं कर पाएगी। प्रदेश सरकारों को सलाह दी गई है कि वह अपने राजस्व को बढ़ाने पर ध्यान दें, जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।