MCD Property Tax : खुशखबरी! 30 जून तक प्रॉपर्टी टैक्स भरने पर मिलेगी 10% की छूट, जानिए डिटेल्स में

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MCD Property Tax : खुशखबरी! 30 जून तक प्रॉपर्टी टैक्स भरने पर मिलेगी 10% की छूट, जानिए डिटेल्स में
MCD Property Tax : खुशखबरी! 30 जून तक प्रॉपर्टी टैक्स भरने पर मिलेगी 10% की छूट, जानिए डिटेल्स में

MCD Property Tax: दिल्ली में रहने वाले प्रॉपर्टी मालिकों के लिए खुशखबरी है। उन्हें 30 जून तक प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने पर 10 प्रतिशत की छूट मिलेगी। इसके लिए एमसीडी (MCD) ने व्यापक इंतजाम किए हैं। लोगों को प्रॉपर्टी टैक्स भरने में सुविधा हो, इसके लिए प्रॉपर्टी टैक्स विभाग के दफ्तर 30 जून 2024 तक सभी शनिवार को खुले रहेंगे।

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MCD ने सभी संपत्ति मालिकों के साथ-साथ खाली जमीन और इमारतों के रहने वालों से अपील की है कि उन्हें वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अपने बकाया संपत्ति कर का 30 जून 2024 से पहले एकमुश्त भुगतान करने पर ही 10 प्रतिशत की छूट मिलेगी।

सभी संपत्ति करदाता दिल्ली नगर निगम की वेबसाइट www.mcdonline.nic.in पर लॉग इन करके अपना बकाया संपत्ति कर जमा कर सकते हैं। ऑनलाइन भी पैसे का भुगतान किया जा सकता है। एमसीडी (MCD) ने सभी संपत्ति मालिकों को अपनी संपत्तियों को जियो-टैग करने की भी सलाह दी है। संपत्ति कर के भुगतान में लोगों की सुविधा के लिए संपत्ति कर विभाग के कार्यालय 30 जून, 2024 तक सभी शनिवार को खुले रहेंगे।

एमसीडी के संपत्ति कर विभाग का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में विभिन्न वार्डों में 800 से अधिक शिविर लगाए गए हैं। शिविरों के दौरान 24,000 से अधिक करदाताओं ने अपने कर का भुगतान किया है। आरडब्ल्यूए, बाजार संघ शिविरों के आयोजन में सहायता के लिए संबंधित क्षेत्रीय संपत्ति कर विभाग से अनुरोध कर सकते हैं। करदाता कई तरीकों से अपने संपत्ति कर का भुगतान कर सकते हैं। इनमें यूपीआई, वॉलेट, डिमांड ड्राफ्ट और ऑनलाइन पेमेंट गेटवे शामिल हैं।

कर संग्रह में कमी

MCD ने पिछले साल कर का भुगतान करने वाले 8.7 लाख करदाताओं को भी अग्रिम बिल भेजे हैं। वित्त वर्ष 2023-24 में संपत्ति कर संग्रह में 11.5 प्रतिशत की गिरावट आई। इस दौरान कुल 2,137 करोड़ रुपये का संपत्ति कर एकत्र किया गया, जो कि वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में 280 करोड़ रुपये कम है। साथ ही इस दौरान करदाताओं की संख्या में भी गिरावट आई है। 2022-23 में यह संख्या 13.29 लाख थी, जो 2023-24 में 12.58 लाख हो गई। अधिकारियों का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में समृद्धि योजना के कारण 400 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व आया। लेकिन 2023-24 में इसे लागू नहीं किया गया।

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