बिहार में संविदा पर बहाल स्वास्थ्यकर्मियों के लिए खुशखबरी है। एनएचएम (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) के तहत कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों को प्रतिमाह मानदेय में 10 से 25 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है। विकास आयुक्त विवेक कुमार सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को शासी निकाय की बैठक में मानदेय बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
इस फैसले से लगभग 8 हजार एएनएम सहित विभिन्न पदों के 17 हजार कर्मियों को लाभ होगा। जिन कर्मियों का मानदेय कम था, उसके मानदेय में 25 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है, जबकि पहले से जिनका अधिक मानदेय था, उन्हें 10 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी दी गई है। संविदा वाले कर्मियों का न्यूनतम मानदेय 15 हजार रुपये होगा।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग के सचिव सह राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक पदाधिकारी संजय कुमार सिंह सहित वित्त और विभिन्न विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे। जिन एएनएम का मानदेय अभी 12500 रुपये है उन्हें अब 15 हजार रुपये मिलेंगे। संविदाकर्मियों के मानदेय में ढाई से पांच हजार रुपए की बढ़ोतरी की गई है।
राज्य स्वास्थ्य समिति के तहत राज्य प्रबंधक इकाई से लेकर उप केंद्र स्तर तक के संविदा के आधार पर नियोजित सभी कर्मियों के वार्षिक वेतन वृद्धि का प्रावधान है। नियम प्रावधान के अनुसार संविदा कर्मियों को वार्षिक मूल्यांकन कर 10 प्रतिशत तक वार्षिक वृद्धि दी जा सकती है। किसी कारण यदि वार्षिक मूल्यांकन नहीं होता है तो कर्मियों को न्यूनतम 5 प्रतिशत तक वार्षिक वृद्धि देने का प्रावधान है।
स्वास्थ्य सचिव के अनुसार किसी भी स्वास्थ्य संविदा कर्मियों का मानदेय न्यूनतम मजदूरी से कम नहीं होगा। संविदाकर्मियों को उनकी योग्यता और कार्य प्रगति के आधार पर भी मानदेय में बढ़ोतरी होगी। प्रखंड से लेकर राज्य स्तर तक के कर्मियों को लाभ होगा।
इन्हें अभी इतना मानेदय मिलता है प्रति माह
- एएनएम 12500 रुपये
- प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक 12 हजार
- लेखापाल 12500
- प्रखंड मूल्यांकन सहायक 12500
- कालाजार टेक्नीशियन 12 हजार
- परिवार नियोजन परामर्शी 15 हजार
- ब्लॉक हेल्थ मैनेजर 18 हजार
- हॉस्पीटल मैनेजर 25 हजार
- जीएनएम ए ग्रेड 20 हजार
- डीपीएम 32 हजार 32 हजार
- जिला लेखा प्रबंधक 32 हजार
- जिला प्लानिंग को ऑडिनेटर 20 हजार
- आशा को ऑडिनेटर 20 हजार
- डाटा सहायक 12500
- क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक 43 हजार
- रिजनल एकाउंट मैनेजर 35 हजार