EPFO Withdrawal Rules: कुछ परिस्थितियों में पीएफ फंड की आंशिक निकासी की अनुमति है, जैसे चिकित्सा आपातकाल, उच्च शिक्षा और घर खरीदना या बनाना।
EPFO Withdrawal Rules: संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए PF में जमा रकम बड़ा सहारा है। कर्मचारी जरूरत पड़ने पर अपने PF अकाउंट से पैसे निकालते हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अलग-अलग जरूरतों के लिए पैसे निकालने की सुविधा देता है। आपको बता दें कि EPF योजना का मुख्य उद्देश्य सुनिश्चित रिटायरमेंट फंड और पेंशन के जरिए संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कामगारों के रिटायरमेंट के बाद के जीवन को आर्थिक रूप से सुरक्षित करना है।
हालांकि, कर्मचारी योजना के मैच्योर होने से पहले भी अपने EPF अकाउंट से आंशिक या पूर्ण रूप से पैसा निकाल सकते हैं। हालांकि, हाल ही में EPFO ने निकासी के नियम में बदलाव किया है। इसके बाद टैक्स का बोझ बढ़ गया है। आइए जानते हैं क्या है EPFO का नया नियम?
नए EPF निकासी नियम 2024
सामान्य परिस्थितियों में, यदि आप बिना किसी ब्रेक या गैप के नियमित नौकरी करते रहते हैं, तो आप रिटायरमेंट से पहले प्रोविडेंट फंड नहीं निकाल सकते। हालांकि, कुछ परिस्थितियों में फंड की आंशिक निकासी की अनुमति है, जैसे कि मेडिकल इमरजेंसी, उच्च शिक्षा और घर खरीदना या बनाना। अगर किसी कर्मचारी की नौकरी चली जाती है, तो वह एक महीने की बेरोजगारी के बाद EPF का 75% और दो महीने बाद पूरा 100% निकाल सकता है। लेकिन इसके लिए कर्मचारी को बेरोजगारी घोषित करनी होगी।
कब देना होगा निकासी पर 30% टैक्स
पीएफ फंड की आंशिक या पूरी तरह से टैक्स-फ्री निकासी के लिए यह अनिवार्य है कि पीएफ सब्सक्राइबर ने ईपीएफओ योजना के तहत 5 साल का योगदान पूरा कर लिया हो। हालांकि, अगर निकासी की रकम 50,000 रुपये से कम है, तो कोई टैक्स नहीं देना होगा। अगर खाता खोलने के पांच साल के भीतर ईपीएफ निकासी की रकम 50,000 रुपये से ज्यादा होती है, तो ईपीएफ सब्सक्राइबर को 10% का टीडीएस देना होगा, बशर्ते उसके पास पैन कार्ड हो। बिना पैन के यह टैक्स देनदारी 30% हो जाती है।