EPFO से जुड़े सुधारों को लागू करने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए केंद्रीय श्रम व रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने हाल ही में बताया कि ईपीएफ खाते का कंपनी के हस्तक्षेप के बिना ट्रांसफर करने की सुविधा EPFO पोर्टल पर आज से ही उपलब्ध हो गई है। अभी नौकरी बदलने की स्थिति में पीएफ अकांउट के ऑनलाइन ट्रांसफर के लिए नियोक्ता द्वारा प्रमाणित किया जाना आवश्यक है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) से जुड़े खाताधारकों को अब नौकरी बदलने के बाद अपना ईपीएफ अकाउंट ट्रांसफर करने के लिए नियोक्ता पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं होगी। खाताधारक खुद ही कंपनी के हस्तक्षेप के बिना अपने ईपीएफ अकांउट को ट्रांसफर करने की प्रक्रिया को ऑनलाइन अंजाम दे सकेंगे।
EPFO में व्यक्तिगत विवरण की त्रुटियों में सुधार की सबसे बड़ी समस्या का समाधान निकालने के लिए भी अब वर्तमान या पूर्व नियोक्ता पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं होगी। ईपीएफ खाताधारकों को बैंकिग समान सहज सुविधाएं लागू करने के एजेंड़े को आगे बढ़ा रहे श्रम मंत्रालय ने ईपीएफ पेंशन से जुड़े सुधारों को भी जल्द गति देने के अपने इरादे जाहिर किए हैं।
ईपीएफ पेंशन सुधारों के तहत न्यूनतम पेंशन की राशि में इजाफे से लेकर पेंशन फंड में कर्मचारी के अधिकतम अंशदान की वर्तमान कैपिंग को लचीला बनाने के प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
EPFO से जुड़े सुधारों पर सरकार का फोकस-(Government’s focus on reforms related to EPFO)
EPFO से जुड़े सुधारों को लागू करने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए केंद्रीय श्रम व रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने हाल ही में बताया कि ईपीएफ खाते का कंपनी के हस्तक्षेप के बिना ट्रांसफर करने की सुविधा ईपीएफओ पोर्टल पर आज से ही उपलब्ध हो गई है। अभी नौकरी बदलने की स्थिति में पीएफ अकांउट के ऑनलाइन ट्रांसफर के लिए आवेदन ईपीएफओ में जमा करने से पहले नियोक्ता द्वारा प्रमाणित किया जाना आवश्यक है।
इस प्रक्रिया में नियोक्ता की ओर से औसतन 12 से 13 दिन लगाए जाते हैं। मगर इन सुधारों के बाद खाता ट्रांसफर करने में काफी कम वक्त लेगा क्योंकि इसमें नियोक्ता से मंजूरी की जरूरत ही नहीं है। इसमें यह सुविधा भी दी गई है कि किसी सदस्य ने पहले ही खाता ट्रांसफर का आवेदन किया है और नियोक्ता के यहां पेंडिंग है तो खाताधारक उसे पोर्टल पर डिलीट कर खुद नया ट्रांसफर आवेदन भर सकता है।
लंबित मामलों को कम करने की कोशिश-(Trying to reduce pending cases)
सरकारी डेटा के मुताबिक, ट्रांसफर के आवेदन EPFO में लाखों की संख्या में लंबित रहते हैं और पिछले नौ महीने में 20 लाख ट्रांसफर आवेदन नियोक्ताओं के पास 15 दिनों से अधिक समय तक लंबित रहे हैं। नई पहल के बाद पीएफ ट्रांसफर के लंबित मामलों की शिकायतें काफी कम हो जाएगी।
EPFO में आने वाली कुल शिकायतों में 17 प्रतिशत केवल खातों के ट्रांसफर से जुड़ी रहती हैं। वहीं, ईपीएफ खातों से जुड़ी सबसे ज्यादा 27 प्रतिशत शिकायतें खाताधारक के नाम-पते, जन्म तिथि, सर्विस तथा अन्य व्यक्तिगत विवरणों से संबंधित होती हैं। खाताधारक इसे भी अब खुद ही अपने यूएएन पर ऑनलाइन लॉग-इन कर सुधार सकेंगे और इसके लिए उन्हें कोई दस्तावेज लगाने की जरूरत नहीं होगी।
अभी इन गलतियों को ठीक करने के लिए कर्मचारी को दस्तावेजी प्रमाणों के साथ ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता था जिसे नियोक्ता द्वारा प्रमाणित किए जाने की भी जरूरत थी। मगर अब इस संयुक्त घोषणा की जरूरत नहीं होगी। वर्ष 2024-25 में नियोक्ता द्वारा ईपीएफओ को भेजे गए आठ लाख आवेदनों में औसत 28 दिन का समय लगाया गया।
यूएएन खातों को आधार से जोड़ना जरूरी-(It is mandatory to link UAN accounts with Aadhaar)
हालांकि व्यक्तिगत विवरण सुधारों की सुविधा अक्टूबर 2017 के बाद जारी किए यूएएन नंबर से जुड़े खातों पर ही लागू होगी क्योंकि इसी समय से ईपीएफ खाता खोलते समय ही आधार से जोड़ना अनिवार्य किया गया। जो खाते आधार से नहीं जुड़े हैं उनमें व्यक्तिगत विवरण त्रुटियों को सुधारने के लिए नियोक्ता के जरिए ही आवेदन ईपीएफ को को भेजा जाएगा।
ईपीएफ न्यूनतम पेंशन बढ़ोतरी से जुड़े विषय पर केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया का कहना है कि पेंशन सुधारों के विकल्पों पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य इसे सहज और आकर्षक बनाना है क्योंकि पेंशन फंड में जमा होनेवाली राशि कर्मचारी की है।
इसके मद्देनजर पेंशन फंड में कर्मचारी का अंशदान उसकी इच्छा और जरूरत के हिसाब से करने का विकल्प देने पर विचार मंथन हो रहा है। पेंशन सुधारों पर सरकार के इस दृष्टिकोण से साफ है कि ईपीएफओ में पेंशन अंशदान के लिए अधिकतम 15000 रुपए के मासिक वेतन की वर्तमान सीलिंग को निकट भविष्य में बढ़ाया जाना तय है।
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