Bihar Politics: बिहार में सियासी फ़िज़ा बदलने को लेकर अटकलों का बाज़ार गर्म हो चुका है। राजद विधायक के बयान ने राजनीतिक उथल-पुथल की संभावनाएं बढ़ा दी है। MLA भाई वीरेंद्र ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को महागठबंधन में शामिल होने का ऑफर दिया है।
विधायक भाई वीरेंद्रे ने कहा है कि अगर नीतीश कुमार महागठबंधन में शामिल होते हैं, तो वे उनका स्वागत करेंगे। यह बयान बिहार की राजनीति में नए सिरे से चर्चा का केंद्र बन गया है। इससे पहले, सोशल मीडिया पर यह चर्चा थी कि नीतीश कुमार और एनडीए के बीच सब कुछ ठीक नहीं है।
राजनीति में कोई भी चीज़ मुमकिन है और इसे राजद विधायक भाई वीरेंद्र के हालिया बयान ने साबित कर दिया है। उन्होंने कहा कि, राजनीति में कुछ भी संभव है। राजनीति में कोई हमेशा के लिए दोस्त और दुश्मन नहीं होता है। राजनीति परिस्थिति का खेल है। हो सकता है बिहार में फिर से खेला हो जाए।
नीतीश कुमार अगर सांप्रदायिक ताकतों को छोड़ कर आएंगे तो हम उनका स्वागत करेंगे। इस बयान से यह संकेत मिलता है कि बिहार में राजनीतिक गठबंधन में नए बदलाव हो सकते हैं। इस बीच, बीजेपी की ओर से भी बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण बयान सामने आया है।
बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती पर कहा, अटल जी को सच्ची श्रद्धांजलि तब ही होगी जब बिहार में बीजेपी का अपना मुख्यमंत्री हो। हालांकि, उन्होंने बाद में अपने बयान से पलटी मारते हुए यह स्पष्ट किया कि बीजेपी बिहार में एनडीए के तहत नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी और विजयी होगी।
अगले साल बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र, इन बयानों से एक नई राजनीतिक स्थिति की संभावना बनती नज़र आ रही है। यह सवाल उठता है कि क्या नीतीश कुमार एनडीए के साथ चुनावी मैदान में उतरेंगे या नहीं। बीजेपी ने यह साफ कर दिया है कि वे नीतीश के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ेंगे, लेकिन राजद के बयानों से नए समीकरण बनते दिख रहे हैं।
इस तरह, बिहार की राजनीति में आने वाले समय में बड़े बदलावों की संभावना है। विभिन्न दलों के बयानों से यह स्पष्ट होता है कि राजनीतिक गलियारों में नए गठबंधन और नए राजनीतिक संबंधों की संभावना तलाशी जा रही है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन महाखेला कर सकती है।