विशेष भूमि सर्वेक्षण को लेकर अगले माह से ग्राउंड सर्वे का कार्य शुरू किया जाएगा। इसके तहत अमीन भौतिक रूप से निरीक्षण और सत्यापन करने का काम करेंगे।
इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। दरअसल अभी स्वघोषणा पत्र रैयतों से प्राप्त किया जा रहा है। इस माह के अंत तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
इसे लेकर आठ जागरूकता रथ को भी रवाना किया गया है। ताकि स्वघोषणा पत्र जमा करने में तेजी आ सके। इसके बाद ग्राउंड सर्वे का काम शुरू कर दिया जाएगा।
बताया गया कि यह स्वघोषणा पत्र ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यम से जमा किया जा रहा है। अंचल स्तर पर कार्यरत विशेष सर्वेक्षण शिविरों में रैयत अपना स्वघोषणा, कागजात और वंशावली जमा कर सकते हैं।
शारीरिक रूप से उपस्थित होना अनिवार्य नहीं
जमीन का सर्वे करवाने के लिए किसी भी रैयत को शारीरिक रूप से उपस्थित होना अनिवार्य नहीं है, बल्कि राज्य से बाहर रहने वाले सभी रैयत आसानी से ऑनलाइन माध्यम से सर्वे के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसी तरह, एक मामले में जमीन मालिकों को बड़ी राहत मिल गई है।
मापी के समय किसी तरह के विवाद होने पर संबंधित जमीन मालिक अथवा उनके किसी प्रतिनिधि की उपस्थिति अनिवार्य है।
अथवा निर्णय लेने में दिक्कत होगी, लेकिन अगर भूमि पर किसी प्रकार का विवाद नहीं है तो अमीन मैप और नक्शा के अनुसार मापी का कार्य पूरा कर लेंगे।
हालांकि, इसके लिए सभी रैयतों को अपनी-अपनी जमीन पर मेड़ को सही करने को कहा गया है। ताकि मापी के समय किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो। इसकी सूचना विभाग की ओर से रैयतों को पहले से दे दी जाएगी।
भूमि रजिस्ट्री में 15.60 लाख राजस्व चोरी के मामले का पर्दाफाश
- उधर, बेतिया में एमवीआर को कम दिखाकर जमीन रजिस्ट्री करा लेने का प्रकाश में आया है। इसकी शिकायत पर निबंधन सहायक महानिदेशक राकेश कुमार ने मामले की जांच की है।
- मामले की जांच के लिए निबंधन महानिरीक्षक के निर्देश पर सहायक महानिरीक्षक निबंधन राकेश कुमार ने स्थल निरीक्षण किया।
- संभावना है कि चनपटिया रजिस्ट्री कार्यालय में निबंधित दस्तावेजो में कम राजस्व का भुगतान किया गया है। अभी तक जांच में केवल 12 दस्तावेजो में हीं 15.60 लाख रुपए राजस्व क्षति के मामले पकड़ा गया है।
- सहायक निबंधन महानिरीक्षक ने चनपटिया प्रखंड के बेतिया डीह, गुरवलीया, महना गनी आदि पंचायतों के निबंधित दस्तावेजो के आधार पर स्थल पर पहुंच कर स्थलों का भौतिक सत्यापन किया।
- निबंधित कराये गये इन सभी स्थलों पर दस्तावेजो में जमीन की प्रकृति एवं तथ्यों को छिपाकर निबंधन कराया गया है। जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
- आवासीय जमीन को सिंचित, मुख्य सड़क के जगह पर सहायक सड़क, दिखाकर रजिस्ट्री कराई गई है। सहायक निबंधन महानिरीक्षक ने सभी प्लॉटों का जीपीएस टैंग फोटो के साथ-साथ काफी गहनता से एक-एक बिंदु की जांच की गई।