Bihar Budget: पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में आगामी वित्तीय साल के प्रस्तावित बजट में 8325.84 करोड़ की वृद्धि हुई है. जहां तक कुल बजट में शिक्षा की हिस्सेदारी का सवाल है, पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में इस वित्तीय वर्ष में 0.35 प्रतिशत का वृद्धि दर्ज हुई है.
Bihar Budget: पटना. वित्तीय वर्ष 2025-2026 के वार्षिक बजट में शिक्षा के बजट में एक बार फिर वृद्धि की गयी है. सरकार की प्राथमिकता में शिक्षा विभाग लगातार बना हुआ है. आगामी वित्तीय वर्ष के लिए 60964.87 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया है. यह राज्य के कुल बजट का 19.24% है. वित्तीय वर्ष 2024-2025 की तुलना में इसमें 15.81% की वृद्धि हुई है.
पिछले वित्तीय वर्ष में शिक्षा का कुल बजट 52639.03 करोड़ रुपये का था, जो कि पिछले साल के कुल बजट का 18.89 % रहा था. फिलहाल पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में आगामी वित्तीय साल के प्रस्तावित बजट में 8325.84 करोड़ की वृद्धि हुई है. जहां तक कुल बजट में शिक्षा की हिस्सेदारी का सवाल है, पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में इस वित्तीय वर्ष में 0.35 प्रतिशत का वृद्धि दर्ज हुई है.
बजट के शिक्षा संबंधी मुख्य आकर्षण
- कक्षा एक से 10 तक के सामान्य श्रेणी के छात्रों (अल्पसंख्यक सहित) की छात्रवृत्ति दर दो गुना करने की घोषणा
- सरकारी विद्यालय एवं प्रस्वीकृत स्कूलों में प्री मैट्रिक योजना के तहत कक्षा एक से 10 वीं तक में अध्ययनरत मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों की
- छात्रवृत्ति दर में दो गुना वृद्धि. इस पर प्रतिवर्ष अतिरिक्त 875.77 करोड़ की राशि खर्च होने का अनुमान है.
- अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों की प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति दर में भी होगी दो गुना. इस पर 260 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वार्षिक व्यय होगा.
- मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं जनजाति छात्रावास अनुदान योजना के तहत छात्रावास अनुदान की वर्तमान दर एक हजार रुपये से बढ़ा कर दो हजार रुपये किया जायेगा.
- राज्य में अनुसूचित जाति एवं जनजाति की आबादी वाले बहुल क्षेत्रों में आगामी वित्तीय वर्ष में 14 आवासीय विद्यालयों की स्थापना की जायेगी.
विशेष फोकस
सरकार शिक्षा में 2047 के दीर्घकालीन विकास विजन पर काम कर रही है. इस मकसद से 2025-2026 तक 100 आवासन वाले 49 नये छात्रावासों की स्थापना की जायेगी.
मुख्य उपलब्धियां
शिक्षकों की नियुक्तियां-
- बीपीएससी के जरिये पहले और दूसरे चरण में प्रारंभिक और माध्यमिक चरणों में कुल 217272 अध्यापकों की हुई नियुक्ति.
-तीसरे चरण में 66800 अध्यापकों की नियुक्तियां प्रक्रियाधीन हैं.
-36947 प्रधान शिक्षक और 5971 प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति भी प्रक्रियाधीन है.
- वित्तीय वर्ष 2024-2025 में लाभुक आधारित योजनाएं (डीबीटी ) सीएम किशोरी स्वास्थ्य योजना,साइकिल योजना,पोशाक योजना आदि में 3063.80 करोड़ रुपये की राशि लाभुक बच्चों के बैंक खाते में उपलब्ध करायी गयी है.
- बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत अब तक 3.70 लाख विद्यार्थियों को लाभान्वित किया गया है.
स्थापना मद में 7825.84 करोड़ की वृद्धि
बजटीय प्रावधान के अनुसार स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय में इस साल 38264.52 करोड़ और योजना मद में 22700.35 करोड़ के व्यय का प्रावधान किया गया है. पिछले वित्तीय वर्ष से तुलना करें तो स्थापना मद में 7825.84 करोड़ की वृद्धि हुई है.
इस वृद्धि में नये नियुक्त शिक्षकों की सेलरी पर होने वाला खर्च शामिल है. पिछले वित्तीय वर्ष में स्थापना एवं प्रतिबद्ध मद में 30438.68 करोड़ का प्रावधान किया गया था. जहां तक योजना मद में व्यय का सवाल है, पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में केवल 500 करोड़ का इजाफा हुआ है.
उच्च शिक्षा के विकास पर फोकस
इस वित्तीय वर्ष में सरकार ने खास तौर पर उच्च शिक्षा के विकास और विस्तार पर मुख्य फोकस रखा गया है. राज्य के 534 प्रखंडों में से 358 प्रखंडों में चरण बद्ध तरीके से राजकीय / अंगीभूत कॉलेजों खोलने का निर्णय लिया है. अभी यहां सरकारी डिग्री कॉलेज नहीं हैं. प्रत्येक प्रखंड में एक-एक डिग्री कॉलेज खोला जाना है. अभी राज्य के 176 प्रखंडो में ही राजकीय / अंगीभूत कॉलेज स्थापित हैं. इसके अलावा 20 अनुमंडल मुख्यालय में महाविद्यालय खोलने का निर्णय भी लिया गया है.
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