बिहार में इन दिनों भ्रष्टाचार की भेंट चढ़कर पुल ध्वस्त होने की घटनाएं लगातार घट रहीं हैं. यह क्रम अब भी जारी है और अब पूर्णिया जिले में दास नदी पर बना एक उच्च स्तरीय पुल का एप्रोच पथ निर्माण के कुछ ही दिनों बाद ध्वस्त हो गया. इसकी निर्माण लागत 7 करोड़ से भी अधिक है.
पूर्णिया के अमौर प्रखंड के रंगरैया लालटोली में मुख्यमंत्री सड़क पर बनी करीब 7 करोड़ की लागत से 70 मीटर लंबी बॉक्स पुल का एप्रोच पथ शुक्रवार को ध्वस्त हो गया. यह पुल ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा बनाया जा रहा था जिसका संवेदक सनी कंस्ट्रक्शन है.
स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि सज्जाद आलम ने कहा कि पुल का अप्रोच पथ पहले ही कमजोर बनाया गया था. इस बाबत कई बार उन लोगों ने शिकायत की लेकिन ग्रामीण कार्य विभाग के अधिकारी कुछ भी सुनने के लिए तैयार नहीं हुआ.
इस पुल का एप्रोच पथ 100 मीटर का बनना था. जिसके निर्माण में काफी गड़बड़ी की गई. लिहाजा पहली बारिश में ही पुल का एप्रोच पथ ध्वस्त हो गया. जिस कारण रंगरैया लालटोली से बालू टोला जाने वाली सड़क का आवागमन ठप हो गया है.
इस बाबत पूर्व केंद्रीय मंत्री व रालोजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बिहार में लगातार पुल गिरने की घटनाएं हो रही है. बिहार में भ्रष्टाचार चरम पर है. कमीशन खोरी के कारण इस तरह की घटनाएं लगातार हो रही हैं.
स्थानीय दाऊद आलम ने कहा कि पुल निर्माण के समय भी उन लोगों ने शिकायत की थी. लेकिन उल्टे संवेदक और विभाग के द्वारा उन्हीं लोगों को धमकी दिया जाता था. घटिया निर्माण के कारण इस पूल का एप्रोच पथ 6 माह में ही ध्वस्त हो गया. इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए.
बता दें कि इससे पहले भी बायसी में निर्माण के समय ही दो पुल ध्वस्त हो गया था. यह इस इलाके में तीसरी घटना है. ऐसे में सहज समझा जा सकता है कि जहां एक तरफ सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात कर रही है, वहीं बिहार में किस तरह भ्रष्टाचार पांव पसारे हुए हैं.