Bihar News: पुलिस ने घटनास्थल से एक लाइसेंसी हथियार, गोली बरामद किया है. मौत की जांच के लिए एसपी स्वर्ण प्रभात ने एफएसएल, फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट और डॉग स्क्वॉयड की टीम बुलायी है. हथुआ एसडीपीओ (SDPO) अनुराग कुमार के नेतृत्व में पुलिस जांच कर रही है. पुलिस प्रथम दृष्टया आत्महत्या मान रही है.
बिहार के गोपालगंज के हथुआ राज के महाराजा के चचेरे भाई जितेंद्र प्रताप शाही की गोली लगने से रविवार को मौत हो गयी. घटना हथुआ थाना क्षेत्र के बबुआ जी कैंपस की है. पुलिस ने घटनास्थल से एक लाइसेंसी हथियार, गोली और कई आपत्तिजनक सामान बरामद किया है. मौत की जांच के लिए एसपी स्वर्ण प्रभात ने एफएसएल, फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट और डॉग स्क्वॉयड की टीम बुलायी है. हथुआ एसडीपीओ (SDPO) अनुराग कुमार के नेतृत्व में पुलिस जांच कर रही है. पुलिस प्रथम दृष्टया आत्महत्या मान रही है.
बताया जाता है कि रविवार की दोपहर में करीब एक बजकर 10 मिनट पर लाइसेंसी हथियार से गोली चली. गोली इंजीनियर जितेंद्र प्रताप शाही के गले में जाकर लगी और मौके पर ही उनकी मौत हो गयी. घटना के दो से तीन घंटे बाद पुलिस को सूचना दी गयी. शाम में पहुंची पुलिस ने कमरे में दाखिल की और जांच शुरू कर दी. पुलिस को जांच के दौरान बॉर्डी के पास लाइसेंसी हथियार मिले.
एसपी स्वर्ण प्रभात ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का लगा रहा है, लेकिन पुलिस मृतक के साथ पूर्व के विवाद, परिवारिक विवाद समेत अन्य घटनाओं पर जांच कर रही है. जांच के बाद स्पष्ट हो पाएगा कि मौत के पीछे वजह क्या रही. पुलिस पोस्टमार्टम कराने की तैयारी में है, लेकिन रात के 7.30 बजे तक शव को पोस्टमार्टम के लिए नहीं भेजा जा सका था. वहीं, इस घटना के बाद पुलिस ने आलीशान मकान को छावनी में तब्दील कर दिया है और कमरे में एफएसएल टीम के पहुंचने तक किसी के आने-जाने पर रोक लगा दी है.
बता दें कि मृतक हथुआ इस्टेट के स्व. कैलाश शाही उर्फ बबुआ जी के सबसे छोटे भाई थे. हथुआ में उनके बड़े भाई शैलेंद्र प्रताप शाही व भतीजे रहते थे. जबकि उनका परिवार पटना में रहता था. हथुआ में अपनी संपत्ति और जायदाद की देखभाल करने के लिए अक्सर हथुआ आते रहते थे. रविवार की दोपहर कैसे घटना हो गयी, इसको लेकर लोग तरह-तरह की चर्चा कर रहें हैं. वहीं, परिवार के सदस्य इस घटना के बारे में मीडिया को कुछ बताने से परहेज कर रहें हैं.