बिहार के मुजफ्फरपुर में स्कूल गए 12 साल के छात्र की ठंड लगने से मौत हो गई। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश पर अब सवाल उठने लगे हैं। उन्होंने पिछले दिनों शीतलहर के चलते बंद किए गए आठवीं तक के स्कूलों को फिर से खोलने का आदेश दिया था। इस पर पटना के डीएम से उनकी तनातनी भी हुई।
मुजफ्फरपुर में केके पाठक के आदेश के बाद इस हफ्ते छोटे बच्चों के स्कूल खोल दिए गए थे। बुधवार को जिले के बोचहां में छठी कक्षा के छात्र कुर्बान की ठंड लगने से मौत हो गई। शिक्षकों और अभिभावकों में अब एसीएस केके पाठक के खिलाफ गुस्सा भड़क रहा है। इसकी झलक मुजफ्फरपुर में देखने को मिल रही है।
कुर्बान की मौत पर जनप्रतिनिधियों एवं शिक्षक संगठनों में आक्रोश है। मुखिया प्रतिनिधि केदार पासवान और सरपंच प्रतिनिधि भूषण राय ने कहा कि ठंड से छात्र की मौत हुई है। भाकपा माले प्रखंड सचिव रामबालक सहनी ने कहा है कि इस ठंड में स्कूल खुला रहना कहीं से भी ठीक नहीं है। छात्र के परिजन को सरकार मुआवजा दे।
प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रखंड अध्यक्ष शशि सिद्धेश्वर उर्फ गुलाब एवं परिवर्तनकारी शिक्षक संघ के अध्यक्ष श्रीनारायण सहनी ने कहा कि इसके जिम्मेदार राज्यस्तरीय पदाधिकारी एवं जिला प्रशासन हैं। गरीब तबके के छात्र-छात्राओं को ठंड से लड़ने के लिए पर्याप्त कपड़े नहीं हैं। शिक्षक तो स्कूल जा रहे हैं, लेकिन ठंड में बच्चों को दौड़ाना तानाशाही है।
मजदूर पिता और मां की सात संतानों में कुर्बान इकलौता था, जो छठी कक्षा तक स्कूल गया था। उम्मीद थी कि बेटा पढ़-लिखकर बड़ा आदमी बनेगा और घर की हालत सुधरेगी, लेकिन अंधियारा मिटाने वाला यह शिक्षा दीप सर्द पछुआ हवा के झोंके से बुझ गया। ठंड के कारण स्कूल में तबीयत बिगड़ने से बच्चे की मौत पर मां बदहवास है। अब कोन जतई पढे, केकरा कहबई कि स्कूल जा…, यह कहती हुई मां जमीला खातून दहाड़ें मारकर रोने लगती थी। उसकी चीत्कार से लोगों का कलेजा दहल रहा था।
12 जनवरी को भी बेहोश कर गिर पड़ी थी छात्रा
पारसनाथ राजकीय मध्य विद्यालय में 12 जनवरी को तीसरी कक्षा की छात्रा सुल्तान बस्ती के शौकत शाह की पुत्री नरगिस खातून ठंड के कारण क्लास रूम में बेहोश होकर गिर पड़ी थी। हेडमास्टर सोनेलाल पासवान की सूझबूझ से नरगिस को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था। तब जाकर उसकी जान बची।