Bihar Bhumi Survey बिहार में जमीन सर्वे शुरू होने के बाद से कई तरह की दिक्कते सामने आ रही हैं। ऐसे में सरकार ने फिलहाल इसे रोक दिया है। परंतु नीतीश सरकार के मंत्री दिलीप जायसवाल ने अब जमीन के दाखिल-खारिज से जुड़े एक फैसले के बारे जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि इस मामले में अब लोगों की परेशानी कम होने वाली है।
सरकार ने विशेष भूमि सर्वेक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा है कि दाखिल-खारिज मामलों के निष्पादन में पिछड़े अंचलों में विशेष अंचलाधिकारी तैनात होंगे।
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डा. दिलीप कुमार जायसवाल ने सोमवार को यहां कहा कि भूमि सर्वेक्षण समय पर पूरा होगा और किसी को परेशानी भी नहीं होगी।
विभाग का विशेष अंचलाधिकारी तैनात करने का निर्णय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से 28 सितंबर को बुलाई गई समीक्षा बैठक का परिणाम है।
उसमें मुख्यमंत्री ने कहा था कि सर्वे के लिए दाखिल-खारिज, परिमार्जन एवं अभिलेखों के दुरूस्त करने का कार्य समानांतर तरीके से चलते रहना चाहिए।
डॉ. जायसवाल ने कहा कि भूधारी निश्चिंत रहे। किसी कारण से अगर किन्हीं की जमीन का सर्वे नहीं हो पाया तो उनके घर पदाधिकारियों को भेज कर सर्वे कराया जाएगा।
हम विश्वास दिलाते हैं कि किसी को परेशानी नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि दाखिल-खारिज मामलों के निष्पादन में पिछड़े अंचलों की पहचान कर ली गई है।
विभाग की पिछली समीक्षा बैठक में भी यह मामला उठा था। यह तथ्य सामने आया कि कुछ अंचलों में दाखिल-खारिज के मामले निष्पादित कम किए जाते हैं।
उसकी तुलना में आवेदनों की अस्वीकृति अधिक होती है। समीक्षा में पाया गया कि सीतामढ़ी जिले के सुप्पी अंचल में करीब 48 प्रतिशत आवेदन अस्वीकृत कर दिए गए।
पटना के पंडारक में अस्वीकृति के मामले 44 प्रतिशत है। बेगूसराय के साम्हो अखा कुरहा में आवेदनों की अस्वीकृति का प्रतिशत 40 था।
दाखिल-खारिज के लिए अधिकतम समय सीमा 75 दिन तय की गई है। इस समय सीमा के समाप्त होने के बाद रोहतास के सदर अंचल में 7018, पटना सदर में 6748 एवं पटना जिला के संपतचक में 6428 आवेदन लंबित पाए गए।
Bihar में एक बार फिर मौसम मचाएगा कहर! आज इन 5 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट