बिहार में बीपीएससी (BPSC) से चल रही 1.70 लाख शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में बीएड डिग्रीधारियों को झटका लग सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों के लिए शिक्षक की नियुक्ति में बीएड डिग्री वालों की जरूरत नहीं है। सिर्फ डीएलएड (D.El.Ed) डिग्रीधारी ही प्राथमिक के लिए लिए योग्य हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त 2023 को दिये गए फैसलें के आलोक में बिहार सरकार को प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक नियुक्ति के बारे में निर्णय लेने को कहा है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट में पार्टी नहीं है। इस वजह से कोई आदेश नहीं दे रहे हैं। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में अपनी कार्रवाई करें।
बीपीएससी (BPSC) ने बताया- क्या करेगा अब आयोग
सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेश से बिहार के लगभग तीन लाख 90 हजार बीएड डिग्रीधारियों को बड़ी निराशा हाथ लगी है। बीपीएससी की शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में प्राथमिक विद्यालयों के लिए तीन लाख 90 हजार अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी है। इधर, बीपीएससी (BPSC) के सचिव रवि भूषण ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में शिक्षा विभाग से मार्गदर्शन लिया जाएगा। इसके बाद ही आगे कोई निर्णय होगा।
बता दें कि आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने पिछले दिनों संवाददाता सम्मेलन में स्पष्ट कर दिया था कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार बीएड डिग्री वालों का रिजल्ट अंत में दिया जाएगा। पर सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह का आदेश दिया है उस हिसाब से सिर्फ डीएलएड (D.El.Ed) वाले अभ्यर्थियों का ही रिजल्ट जारी किया जाएगा। डीएलएड (D.El.Ed)
वाले अभ्यर्थियों की संख्या भी तीन लाख 80 है। इसमें बिहार से ज्यादा दूसरे राज्य के अभ्यर्थी शामिल हैं।
1.70 लाख पदों पर बहाली
बिहार में 1 लाख 70 हजार 461 पदों पर शिक्षकों की भर्ती होनी है। जिसमें तीन लाख 90 हजार अभ्यार्थी ऐसे हैं जो बीएड डिग्रीधारी हैं और परीक्षा दी है। बीपीएससी से प्राथमिक शिक्षकों के 79 हजार 943 पदों पर नियुक्ति की जानी है। लिखित परीक्षा के बाद फिलहाल बीपीएससी के आदेश पर शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रमाण-पत्रों का सत्यापन 4 सितंबर से शुरू कर दिया है।