Cash Deposit Rules: बैंक अकाउंट (Bank Account) में पैसा न सिर्फ सुरक्षित रहता है, बल्कि उस पर ब्याज भी मिलता है. भारत में पिछले कुछ वर्षों में एक बड़ी आबादी बैंकिंग सिस्टम से जुड़ी है. खास बात यह है कि भारत में सेविंग अकाउंट (Bank Saving Account) खुलवाने की कोई लिमिट नहीं है.
यानि एक व्यक्ति कितने भी बचत खाते खोल सकता है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि सेविंग अकाउंट में एक आदमी कितना पैसा रख सकता है. यानी, आप सेविंग अकाउंट में चाहे जितना पैसा जमा कर सकते हैं. हां, जीरो बैलेंस खाते को छोड़कर अन्य सभी सेविंग बैंक अकाउंट्स में मिनिमम बैलेंस रखना अनिवार्य है.
सेविंग अकाउंट में पैसे रखने की कोई सीमा भले ही न हो, लेकिन अगर आप एक वित्त वर्ष में 10 लाख रुपये से अधिक जमा करते हैं, तो इसकी जानकारी बैंक सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) को देते हैं. यही नियम एफडी में कैश डिपॉजिट, म्यूचुअल फंड, बॉन्ड, और शेयरों में निवेश पर भी लागू होता है.
ब्याज पर देना पड़ सकता है टैक्स
लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार टैक्स और निवेश सलाहकार बलवंत जैन का कहना है कि सेविंग अकाउंट में कोई भारतीय कितना भी पैसा रख सकता है. बचत खाते में पैसा जमा कराने पर आयकर कानून या बैंकिंग रेगुलेशन्स में कोई सीमा निर्धारित नहीं की गई है. बैंक के सेविंग अकाउंट पर रखी राशि पर जो ब्याज बनता है, उस पर बैंक अकाउंट होल्डर को टैक्स देना होता है.
बैंक 10 फीसदी टीडीएस ब्याज पर काटता है. बलवंत जैन का कहना है कि ब्याज पर टैक्स चुकाना होता है लेकिन, इस पर भी टैक्स कटौती का लाभ लिया जा सकता है. आयकर अधिनियम की धारा 80 टीटीए के अनुसार सभी व्यक्ति 10 हजार तक की टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं. अगर ब्याज 10 हजार रुपये से कम बना होगा तो टैक्स नहीं चुकाना होगा. इसी तरह 60 साल से ज्यादा उम्र के अकाउंट होल्डर को 50 हजार रुपये तक के ब्याज पर टैक्स नहीं देना होता है.
पैसों का स्रोत पूछ सकता है आयकर विभाग
अगर कोई खाताधारक सेविंग अकाउंट में एक वित्त वर्ष में 10 लाख रुपये से अधिक जमा करता है तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट पैसे स्रोत पूछ सकता है. अगर खाताधारक से जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ, तो जांच भी कर सकता है. जांच में पैसे का स्रोत गलत पाए जाने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जमा रकम पर 60% टैक्स, 25% सरचार्ज, और 4% सेस लगा सकता है