TDS Deduction: टीडीएस यानी टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (Tax Deduction at Source) आपकी सैलरी से काटे जाने वाला एक Tax है। यही, TDS FD के ब्याज पर भी काटा जाता है। Employees को कंपनी की तरफ से मिलने वाली Salary और बैंक की तरफ से आपकी FD पर मिलने वाले Interest पर TDS कटता है। आप भी इस TDS पर कटौती से बच सकते हैं और अपना Tax बचा सकते हैं।
TDS न कटे, करें ये काम
Income से TDS न कटे इसके लिए Form 15G या 15H जमा कर सकते हैं। दरअसल, Form 15H senior citizen के लिए होता है। कुल आय पर किसी तरह का Tax नहीं है तो इस Form को जमा कर सकते हैं।
फॉर्म 15G क्या है?
60 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति और HUF जिन्होंने फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश किया है। वह फॉर्म 15जी भर सकते हैं। इस फॉर्म को भरने से ब्याज पर टैक्स यानी TDS नहीं काटा जाएगा। 1961 के आयकर अधिनियम की धारा 197A का फॉर्म 15G मिलता है। इसके जरिये Bank को आपकी सालाना आय के बारे में पता चलता है। इस फॉर्म के जरिये आप बैंक को अपनी Interest की आय से TDS काटने से रोकने के लिए कह सकते हैं।
फॉर्म 15H क्या है?
60 साल से अधिक उम्र के लोग यानी Senior citizen Fixed Deposit के ब्याज पर TDS कटने से बचने के लिए फॉर्म 15H भरते हैं। इस Form को जमा करने के बाद आपको बिना किसी कर कटौती के आपकी जमा पैसा यानी ब्याज मिलता है। यदि आप हर साल फॉर्म 15G जमा करते हैं, तो आपको TDS नहीं देना होगा।
PPF: यह एक सरकारी योजना है। इस योजना के साथ छोटी रकम बचाने और उस पर रिटर्न की सुविधा मिलती है। निवेश करने पर सेक्शन 80C के तहत कटौती का फायदा ले सकते हैं।
Sukanya Samriddhi Yojana: योजना में निवेश करते हैं तो एक वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक की अधिकतम छूट पा सकते हैं। यह छूट आयकर अधिनियम, 1961 के सेक्शन 80C के साथ पा सकते हैं।
NPS– आयकर अधिनियम 1961 के सेक्शन 80CCD के तहत एनपीएस में निवेश के साथ टीडीएस की बचत की जा सकती है।
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