Cheque Signature Rules: चेक का इस्तेमाल कई वित्तीय लेन-देन के लिए किया जाता है। चेक भरते समय एक छोटी सी गलती हमारे चेक बाउंस का कारण बन सकती है। कुछ चेक ऐसे होते हैं जिनके पीछे हस्ताक्षर करना बहुत ज़रूरी होता है। अगर ऐसा नहीं किया जाता है, तो आपको भारी परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं
इन दिनों डिजिटल जमाना आ गया है। लोग बस एक क्लिक से पलक झपकते ही पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। यूपीआई ने डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा दिया है। इस बीच कई पेमेंट अभी भी चेक के जरिए हो रहे हैं। अगर आप भी चेक के जरिए ट्रांजेक्शन करते हैं तो आपके लिए इससे जुड़े नियमों को जानना बेहद जरूरी है।
छोटी सी गलती से बड़ा नुकसान हो सकता है। चेक बाउंस भी हो सकता है। हम आपको चेक से जुड़े नियमों के बारे में बता रहे हैं। ताकि भविष्य में चेक जारी करते समय किसी तरह की कोई गलती न हो।
चेक एक शक्तिशाली वित्तीय साधन है। यह पैसे के लेन-देन को आसान बनाता है। किसी भी चेक पर हस्ताक्षर करने से पहले आपको यह पता होना चाहिए कि आप जिसे चेक दे रहे हैं वह कौन है और इसका उद्देश्य क्या है?
इस चेक के पीछे हस्ताक्षर करना बहुत ज़रूरी है
चेक जारी करते समय सभी तरह के चेक के पीछे हस्ताक्षर नहीं किए जाते हैं। लेकिन कुछ चेक ऐसे होते हैं जिनमें पीछे हस्ताक्षर करना बहुत ज़रूरी होता है। बियरर चेक होते हैं जिनमें हस्ताक्षर करना बहुत ज़रूरी होता है। अगर आप किसी को बियरर चेक दे रहे हैं तो आपको पीछे हस्ताक्षर करना होगा।
वहीं अगर आपके पास ऑर्डर चेक है तो पीछे हस्ताक्षर करने की ज़रूरत नहीं है। बियरर चेक वह होता है जिसे आपको बैंक में जमा करना होता है। इस पर किसी व्यक्ति का नाम नहीं होता है। इसलिए पीछे हस्ताक्षर करना ज़रूरी होता है।
इसलिए बियरर चेक के पीछे साइन करते हैं
अगर आप बियरर चेक जारी करते हैं और गलती से वह चोरी हो जाता है तो ऐसी स्थिति में आपको भारी नुकसान हो सकता है।
इस चेक पर किसी भी व्यक्ति का नाम नहीं होता है। इसलिए बैंक आपसे इसके पीछे साइन करने को कहता है। बिना पीछे साइन किए बैंक बियरर चेक को स्वीकार नहीं करता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि इस चेक के जरिए किया गया लेनदेन आपकी सहमति से किया गया है। अगर इसमें कोई गलती होती है तो बैंक इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा।