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NPCI UPI Delegated Payment Launch : UPI खास फीचर्स, अब एक टच में हो जाएगा फैमिली और फ्रेंड्स का भी पेमेंट

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UPI payment Service! अकाउंट में पैसे नहीं होने पर भी कर सकेंगे UPI पेमेंट, जल्द शुरू होगी ये सुविधा

NPCI UPI Delegated Payment Launch: कस्टमर्स के लिए यूपीआई ट्रांजैक्शन को और आसान बनाने के लिए NPCI ने बुधवार को दो नया फीचर UPI Delegated Payment और Bharat Bill Pay for Business लॉन्च किया है.

NPCI UPI Delegated Payment Launch: कस्टमर्स के लिए यूपीआई ट्रांजैक्शन को और आसान बनाने के लिए NPCI ने बुधवार को एक नया फीचर UPI Delegated Payment लॉन्च किया है. इस UPI Delegated Payment फीचर में आप अपने चाहने वालों को यूपीआई सर्किल में जोड़ सकते हैं. जिसमें आप Full या Partial डेलिगेशन कर सकते हैं. फुल डेलिगेशन में सेकेंडरी यूजर को किसी पेमेंट के समय प्रायमरी यूजर के ऑथराइजेशन की जरूरत नहीं होगी, जबकि पार्टियल डेलीगेशन में हर पेमेंट पर सेकेंडरी यूजर को प्रायमरी यूजर के सिक्योरिटी पिन की जरूरत होगी.

NPCI ने लांच किया Bharat Bill Pay For Business

देश में व्यापारियों को और मजबूत करने के लिए NPCI ने Bharat Bill Pay for Business भी लॉन्च किया है. जो कि दो बिज़नेस को आपस में डील करने की ताक़त देगा.

इसमें हर एक बिज़नेस का एक B2B ID होगा, जिसमें बिज़नेस की ज़रूरी डीटेल होगी. किसी भी बिजनेस प्लेटफॉर्म पर ये ID डालने से उस बिजनेस की सारी डीटेल फेच हो जाएगी, जिसके ज़रिये एक बिज़नेस दूसरे बिज़नेस को बिल भेज पायेगा जोकि वो बिल accept या pay करेगा. यह एक पूरी तरह से सुरक्षित सिस्टम है, जो कि Invoice Reconciliation का झंझट खत्म कर देगा.

UPI ट्रांजैक्शन 2028-29 तक 439 अरब पर पहुंचने की उम्मीद

यूपीआई पर कुल लेनदेन पिछले वित्त वर्ष के लगभग 131 अरब से बढ़कर 2028-29 तक 439 अरब होने की उम्मीद है और यह कुल खुदरा डिजिटल भुगतान का 91 प्रतिशत हिस्सा होगा. पीडब्ल्यूसी इंडिया की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है.

‘द इंडियन पेमेंट्स हैंडबुक- 2024-29’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत के डिजिटल भुगतान परिदृश्य में पिछले आठ साल में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है और उद्योग का अनुमान है कि मात्रा में तीन गुना से अधिक विस्तार होगा. डिजिटल भुगतान 2023-24 के 159 अरब बढ़कर से वित्त वर्ष 2028-29 तक 481 अरब तक पहुंचने का अनुमान है.

 

मूल्य के संदर्भ में भुगतान लेनदेन बाजार की वृद्धि दोगुनी होने की उम्मीद है. यह इस अवधि में 265 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 593 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगी.

पीडब्ल्यूसी इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपीआई ने साल-दर-साल 57 प्रतिशत की लेन-देन मात्रा के साथ अपनी उल्लेखनीय वृद्धि जारी रखी है.

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