New criminal laws: तीन नए क्रिमिनल कानून 1 जुलाई से लागू होंगे. इसे लेकर केंद्र सरकार ने आज अधिसूचना जारी कर दी. इसमें कहा गया है कि ब्रिटिश काल के भारतीय दंड संहिता (IPC), भारतीय साक्ष्य अधिनियम और आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) की जगह लेने वाले तीन नए आपराधिक कानून 1 जुलाई से लागू होंगे. ये तीन नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम हैं.
भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम अब पुराने भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और साक्ष्य अधिनियम की जगह ले लेंगे. हिट एंड रन से जुड़े प्रावधान पर अमल नहीं लेकिन हिट एंड रन से जुड़े प्रावधान के अमल पर रोक रहेगी.
भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (2) हिंट एंड रन से जुड़ी है. मोटर ट्रांसपोर्ट यूनियनों ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (2) पर आपत्ति जताते हुए विरोध प्रदर्शन किया था, जिसमें हिट एंड रन मामले में 10 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है. इस धारा में अगर आप तेज गति और लापरवाही से गाड़ी चलाकर किसी की मौत की वजह बनते हैं और पुलिस को सूचना दिए बिना भागते हैं तो सजा का प्रावधान है.
किसमें क्या बदला?
– IPC: कौनसा कृत्य अपराध है और इसके लिए क्या सजा होगी? ये आईपीसी से तय होता है. अब इसे भारतीय न्याय संहिता कहा जाएगा. आईपीसी में 511 धाराएं थीं, जबकि बीएनएस में 358 धाराएं होंगी. 21 नए अपराध जोड़े गए हैं. 41 अपराधों में कारावास की अवधि बढ़ाई गई है. 82 अपराधों में जुर्माना बढ़ा है. 25 अपराधों में जरूरी न्यूनतम सजा शुरू की गई है. 6 अपराधों में सामुदायिक सेवा का दंड रहेगा. और 19 धाराओं को खत्म कर दिया गया है.
– CrPC: गिरफ्तारी, जांच और मुकदमा चलाने की प्रक्रिया सीआरपीसी में लिखी हुई है. सीआरपीसी में 484 धाराएं थीं. अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में 531 धाराएं होंगी. 177 धाराओं को बदल दिया गया है. 9 नई धाराएं जोड़ी गईं हैं और 14 को खत्म कर दिया गया है.
– इंडियन एविडेंस एक्टः केस के तथ्यों को कैसे साबित किया जाएगा, बयान कैसे दर्ज होंगे, ये सब इंडियन एविडेंस एक्ट में है. इसमें पहले 167 धाराएं थीं. भारतीय साक्ष्य संहिता में 170 धाराएं होंगी. 24 घाराओं में बदलाव किया गया है. दो नई धाराएं जुड़ीं हैं. 6 धाराएं खत्म हो गईं हैं.