आम तौर पर ग्रेच्युटी के लिए नौकरी की अवधि 5 साल होनी चाहिए। लेकिन मान लीजिए किसी कर्मचारी ने 4 साल 10 महीने काम किया और फिर 2 महीने का नोटिस पीरियड पूरा किया, तो क्या उसका नोटिस पीरियड इसमें गिना जाएगा? यहां जानिए क्या कहता है नियम.
अगर आप किसी कंपनी में लंबे समय तक अच्छे से काम करते हैं तो वह कंपनी आपको अपना वफादार कर्मचारी मानती है। आपकी बेहतरीन सेवाओं के लिए कंपनी आपको इनाम राशि देती है, जिसे ग्रेच्युटी कहते हैं। आम तौर पर ग्रेच्युटी के लिए नौकरी की अवधि 5 साल होनी चाहिए। लेकिन मान लीजिए किसी कर्मचारी ने 4 साल 10 महीने काम किया, जिसके बाद उसने 2 महीने का नोटिस पीरियड सर्व किया, तो क्या उसका नोटिस पीरियड इसमें गिना जाएगा? यहां जानें क्या कहता है नियम
5 साल से कम नौकरी की तो भी मिलेगी ग्रेच्युटी
ग्रेच्युटी को लेकर नियम 5 साल की सेवा का है, लेकिन अगर किसी कर्मचारी ने कंपनी में 4 साल 8 महीने काम किया है तो भी उसे ग्रेच्युटी का हकदार माना जाता है। ऐसी स्थिति में 4 साल 8 महीने की अवधि को पूरे 5 साल माना जाता है और उसे 5 साल के हिसाब से ही ग्रेच्युटी की रकम दी जाती है। लेकिन अगर उसने 4 साल 8 महीने से कम काम किया है तो उसकी सेवा अवधि 4 साल ही गिनी जाएगी और ऐसी स्थिति में उसे ग्रेच्युटी नहीं मिलेगी।
नोटिस पीरियड भी गिना जाता है
नियम के अनुसार, रोजगार की अवधि की गणना करते समय, कर्मचारी की नोटिस अवधि भी गिनी जाती है, क्योंकि उस अवधि के दौरान भी कर्मचारी कंपनी को अपनी सेवाएं दे रहा होता है। ऐसी स्थिति में, मान लीजिए कि आपने साढ़े चार साल यानी 4 साल और 6 महीने किसी कंपनी में काम करने के बाद इस्तीफा दे दिया, लेकिन इस्तीफे के बाद दो महीने का नोटिस पीरियड दिया। ऐसी स्थिति में, आपकी रोजगार अवधि 4 साल और 8 महीने ही गिनी जाएगी। और इसे 5 साल मानते हुए ग्रेच्युटी की राशि दी जाएगी।
इन स्थितियों में 5 साल का नियम नहीं है
ग्रेच्युटी एक्ट 1972 के अनुसार, अगर किसी कर्मचारी की दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है या वह विकलांग हो जाता है और फिर से काम करने में असमर्थ हो जाता है, तो ग्रेच्युटी के भुगतान के लिए 5 साल तक काम करने का नियम उस पर लागू नहीं होता है। ऐसी स्थिति में, ग्रेच्युटी की राशि नॉमिनी या आश्रित को दी जाती है। आप नौकरी ज्वाइन करते समय फॉर्म एफ भरकर अपनी ग्रेच्युटी राशि के लिए नॉमिनी का नाम दर्ज करा सकते हैं।