Gold Price Policy: वन नेशन वन रेट नीति के तहत राष्ट्रीय स्तर का बुलियन एक्सचेंज सोने की कीमत तय करेगा और देशभर के ज्वैलर्स को उसी कीमत पर सोना बेचना होगा जो एक्सचेंज तय करेगा। देश के अलग-अलग शहरों में सोने और चांदी की कीमत अलग-अलग होती है।
हर राज्य के अलग-अलग टैक्स के अलावा कई अन्य चीजें भी सोने और चांदी के रेट में जुड़ती हैं। इस वजह से सोने की कीमतें भी हर राज्य में अलग-अलग होती हैं। अब देश में बड़ा बदलाव आने वाला है। जेम एंड ज्वैलरी काउंसिल वन नेशन, वन रेट नीति को लागू करने के लिए तैयार है।
इसके बाद आप देश में कहीं भी सोना खरीदेंगे तो आपको एक ही रेट मिलेगा। ऐसा होने पर आम जनता को अपने शहर में एक ही कीमत पर सोना मिलेगा। दरअसल, देश में वन नेशन वन रेट को अपनाने के लिए लंबे समय से प्रयास चल रहा था। अब देशभर के ज्वैलर्स इस नीति को लागू करने के लिए राजी हो गए हैं। उम्मीद है कि अगले महीने यानी सितंबर में इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी जाएगी।
इसके बाद आप देश में कहीं भी सोना खरीदेंगे तो आपको एक ही रेट मिलेगा। ऐसा होने पर आम जनता को अपने शहर में एक ही कीमत पर सोना मिलेगा। दरअसल, देश में वन नेशन वन रेट को अपनाने के लिए लंबे समय से प्रयास चल रहा था। अब देशभर के ज्वैलर्स इस नीति को लागू करने के लिए राजी हो गए हैं। उम्मीद है कि अगले महीने यानी सितंबर में इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी जाएगी।
ऐसे मिलेगा फायदा
राष्ट्रीय स्तर पर बुलियन एक्सचेंज सोने की कीमत तय करेगा और देशभर के ज्वैलर्स को एक्सचेंज द्वारा तय की गई कीमत पर ही सोना बेचना होगा। इससे न सिर्फ इस इंडस्ट्री में पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि आम जनता को भी देशभर में एक ही कीमत पर सोना मिलेगा। मान लीजिए आप लखनऊ में रहते हैं और वहां सोना महंगा है। ऐसे में अगर आपके घर में शादी है तो आप सोना खरीदने उस शहर में जाते हैं जहां लखनऊ से सस्ता सोना मिलता है। इस योजना के लागू होने के बाद यह समस्या खत्म हो जाएगी।
कैसे तय होती है कीमत
फिलहाल सोने की कीमत सर्राफा बाजार एसोसिएशन तय करती है। यह हर शहर के लिए अलग-अलग होती है। आमतौर पर हर सर्राफा बाजार शाम को अपने शहर की कीमत जारी करता है। पेट्रोल-डीजल की तरह सोने-चांदी की कीमत भी हर दिन तय होती है। सोने-चांदी की कीमत में वैश्विक भावनाओं की भी अहम भूमिका होती है। अंतरराष्ट्रीय बाजारों की कीमतों का असर घरेलू बाजार पर भी पड़ता है।
क्या कीमतों में आएगी कमी
इस नीति के आने से उद्योग जगत में पारदर्शिता बढ़ेगी, जिसका फायदा आम आदमी को भी होगा। कीमतों में अंतर खत्म होने से सोने की कीमतों में भी कमी आ सकती है। साथ ही ज्वैलर्स की मनमानी पर भी लगाम लग सकेगी। इस योजना के आने से कारोबारियों में प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी, ऐसे में कारोबार के लिहाज से यह योजना मील का पत्थर साबित हो सकती है। इस नीति को लागू करने के लिए ज्वैलर्स के संगठन जीजेसी ने देशभर के ज्वैलर्स से राय ली है। जिसमें ज्वैलर्स ने इसे लागू करने पर सहमति जताई है।