पिछले साल बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोने पर कस्टम ड्यूटी घटाई थी। इससे कुछ ही दिनों के भीतर गोल्ड 6000 रुपये तक सस्ता हो गया था। हालांकि अब वैश्विक अनिश्चितता बढ़ने के बाद दोबारा सोने की कीमतों में तेजी देखी जा रही है। बुधवार को तो गोल्ड नए ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया। वहीं चांदी के भाव में भी बड़ा उछाल आया है।
सोने की कीमतों में तेजी का सिलसिला लगातार छठे कारोबारी सत्र में भी जारी रहा और यह नए ऑल टाइम हाई लेवल पर पहुंच गया। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमत 630 रुपये बढ़कर 82,700 रुपये प्रति 10 ग्राम के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई।
24 कैरेट गोल्ड की कीमत भी 630 रुपये बढ़कर 82,330 रुपये प्रति 10 ग्राम के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई। सोना इससे पहले 31 अक्टूबर 2024 को 82,400 रुपये के अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा था। बुधवार को चांदी भी 1,000 रुपये बढ़कर 94,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई।
गोल्ड प्राइस पर एक्सपर्ट की राय-(Expert opinion on gold price)
HDFC सिक्योरिटीज के कमोडिटीज के सीनियर एनालिस्ट सौमिल गांधी का कहना है कि अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड की आर्थिक नीतियों को लेकर काफी अनिश्चितता है। यही वजह है कि निवेशक गोल्ड का रुख कर रहे हैं, जिससे सबसे सुरक्षित निवेश समझा जाता है। सौमिल गांधी ने कहा, “बुधवार के सत्र में सोने की कीमतें नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं। इसकी वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीति को लेकर अनिश्चितता को माना जा रहा है।”
एबन्स होल्डिंग्स के सीईओ चिंतन मेहता ने कहा, “डॉलर के कमजोर होने के कारण सोने की कीमतों में बढ़ोतरी जारी है। ट्रंप ने चीन, मैक्सिको और कनाडा पर व्यापार शुल्क लगाने का वादा किया था। इसमें देरी से बाजार चिंतित है। इससे आशंका बढ़ गई है कि अगले महीने शुल्क लगाया जा सकता है, जिससे व्यापार युद्ध के लंबे समय तक चलने की आशंका है।”
2024 में 7000 रुपये सस्ता हुआ था सोना-(Gold became cheaper by Rs 7000 in 2024)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल 23 जुलाई को केंद्रीय बजट पेश किया था। उन्होंने गोल्ड पर कस्टम ड्यूटी 15 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी करने का एलान किया था। इस फैसले स 15 दिन के भीतर ही सोने के दाम 6000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक गिर गए थे। उस दौरान सोने की डिमांड में काफी तेज उछाल आया था, क्योंकि लोगों ने वेडिंग सीजन के लिए गहनों की खरीद तेज कर दी थी। साथ ही, निवेशकों ने भी गोल्ड में पैसे लगाने शुरू कर दिया था। इससे सोने की कीमतों में दोबारा तेजी आई और अब यह नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।
गोल्ड इंडस्ट्री का मानना है कि इस बार केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री कस्टम ड्यूटी घटाने जैसा कोई कदम शायद ही उठाएंगी। हालांकि, वह जीएसटी कम करके जौहरियों और सोने के खरीदारों को राहत दे सकती हैं। ज्वेलरी इंडस्ट्री 1 फरवरी को पेश होने वाले केंद्रीय बजट में गोल्ड पर जीएसटी रेट को 3 फीसदी से घटाकर 1 फीसदी करने की डिमांड कर रही है। उसका कहना है कि इससे इंडस्ट्री और ग्राहकों को काफी राहत मिलेगी।
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