25 जून 1975 में भारत में लगी इमरजेंसी पर कंगना रनौत अपनी फिल्म लेकर आ रही हैं। इस मूवी में वह भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का किरदार अदा कर रही हैं। फिल्म को अबतक CBFC की तरफ से सर्टिफिकेट नहीं मिला है जिसकी वजह से अब बॉम्बे हाई कोर्ट ने सेंसर बोर्ड को फटकार लगाते हुए अल्टीमेटम दिया है।
कंगना रानौत इन दिनों अपनी पॉलिटिकल फिल्म ‘इमरजेंसी’ को लेकर काफी सुर्खियों में हैं। ये मूवी 6 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली थी, लेकिन सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन की तरफ से फिल्म को सर्टिफिकेट नहीं दिया गया था, जिसकी वजह से मूवी की रिलीज डेट को पोस्टपोन करना पड़ा था।
कुछ दिनों पहले खुद कंगना ने भी ये बात कही थी कि फिल्म को अब तक CBFC ने सर्टिफिकेट नहीं दिया है। जैसे ही उन्हें मिलेगा अब हाल ही में इस पूरे मामले पर कोर्ट ने CBFC को अल्टीमेटम दे दिया है और उन्हें ये भी निर्देश दिए हैं कि उन्हें कितनी तारीख तक सर्टिफिकेट देना है।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने सीबीएफसी को लगाई फटकार
पीटीआई की एक खबर के मुताबिक, बॉम्बे हाई कोट ने गुरुवार को अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और रचनात्मक स्वतंत्रता पर रोक लगाना सही नहीं है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सर्टिफिकेशन फिल्म को सिर्फ इसलिए सर्टिफिकेट देने से मना नहीं कर सकती है, क्योंकि उन्हें ये आशंका है कि इससे कानूनी समस्या पैदा हो सकती है।
कोर्ट ने सीबीएफसी के अब तक निर्णय न देने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है और साथ ही उन्हें 25 सितंबर तक का समय दिया है कि वह फिल्म के सर्टिफिकेट को लेकर फैसला दें। जस्टिस बी पी कोलाबावाला और फिरदौस पूनीवाला के बेंच ने सीबीएफसी से ये भी पूछा कि ‘क्या उन्हें इस देश के लोग इतने भोले लगते हैं कि जो भी फिल्म में दिखाया जाएगा, वह उस पर पूरी तरह से विश्वास कर लेंगे’।
सह-निर्माताओं ने किया था ये दावा
बार एंड बेंच की रिपोर्ट में ये बताया गया है कि कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ के सह-निर्माताओं जी एंटरटेनमेंट ने अपनी याचिका में ये दावा किया था कि सेंसर बोर्ड फिल्म को सर्टिफिकेट नहीं दे रहा है, उसके पीछे की राजनीतिक कारण भी है। जी एंटरटेनमेंट के सीनियर वकील वेंकटेश धोंड ने कहा है कि ‘इमरजेंसी’ को एक सिख विरोधी फिल्म के रूप में उसका प्रचार किया जा रहा और हरियाणा में सिखों की एक अच्छी खासी आबादी है। बीजेपी नहीं चाहती कि वहां पर ये फिल्म किसी को भी भावनात्मक रूप से चोट पहुंचाए।
वकील का दावा है कि भारतीय जनता पार्टी को ये डर सता रहा है कि अगर वह ये फिल्म रिलीज करते हैं, तो इसका असर हरियाणा के इलेक्शन पर पड़ सकता है। उन्होंने ये भी कहा कि इस फिल्म की सह-निर्माता खुद भी बीजेपी विधायक हैं। 25 सितंबर तक कंगना की फिल्म को लेकर सीबीएफसी की तरफ से क्या फैसला आता है, इस पर सबकी नजरें बनी हुई हैं।
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