Bihar Education Department: बिहार में हजारों शिक्षकों की नौकरी खतरे में है। शिक्षा विभाग लगातार ऐसे शिक्षकों को खास निर्देश जारी कर रहा है। शिक्षा विभाग की ओर से अब आखिरी मौका दिया गया है। शिक्षक विभाग के बताए निर्देशानुसार काम नहीं करते हैं, तो उनकी नौकरी जा सकती है। आइए जानते हैं, क्या है पूरा मामला और विभाग ने क्या निर्देश दिया है।
पटना: बिहार में शिक्षक लाखों की संख्या में हैं। नियोजित शिक्षकों ने हाल में सक्षमता परीक्षा दिया है। उधर, बीपीएससी से बहाल शिक्षकों में भी फर्जी शिक्षक मिल रहे हैं। दूसरी ओर नियोजित शिक्षक सक्षमता परीक्षा देने के बाद भी पकड़े जा रहे हैं। कोई असम के सर्टिफिकेट पर नौकरी कर रहा है। कोई निगरानी की रडार पर है।
शिक्षा विभाग में चारों तरफ जांच ही जांच चल रही है। ताजा अपडेट सक्षमता पास शिक्षकों को लेकर सामने आई है। राज्य में पहली सक्षमता परीक्षा (Sakshamta Pariksha) पास कर जिन नियोजित शिक्षकों का (Bihar Niyojit Shikshak) बॉयोमीट्रिक सत्यापन हुआ लेकिन उनका आधार सत्यापित नहीं हुआ है। उनकी जांच की दोबारा प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
शिक्षकों की जाएगी नौकरी!
हुआ यूं कि सक्षमता परीक्षा पास कर चुके नियोजित शिक्षकों का बायोमेट्रिक सत्यापन हो चुका है। किसी कारणवश उनका आधार का सत्यापन नहीं हुआ है। उनका फिर से दोबारा बायोमेट्रिक सत्यापन होगा। उससे पहले गलती में संशोधन के लिए उन्हें अपने पदस्थापना वाले जिले के डीईओ यानी जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में चार नवंबर तक आवेदन देना होगा। इसमें सबसे बड़ा अपडेट ये है कि जिन नियोजित शिक्षकों के सर्टिफिकेट संदिग्ध पाए गए हैं। उनकी संख्या 23 हजार 801 बताई जा रही है।
शिक्षा विभाग ने दिया निर्देश
23 हजार 801 संदिग्ध नियोजित शिक्षकों से संबंधित निर्देश शिक्षा विभाग की ओर से मंगलवार को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दे दिया गया है। विभाग के निर्देश के मुताबिक काउंसलिंग के दौरान जिन शिक्षकों का एक और एक से अधिक प्रमाण पत्र संदिग्ध पाया गया है। उन्हें सही सर्टिफिकेट अपलोड करने हेतु बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से सॉफ्टवेयर में विकल्प प्रदान किया गया है। इसके लिए संदिग्ध नियोजित शिक्षकों को 9 नवंबर तक का समय दिया गया है।
सही जानकारी भरनी होगी
हुआ यूं था कि सक्षमता परीक्षा पास नियोजित शिक्षकों की काउंसलिंग जिलों में 13 सितंबर तक आयोजित हुई थी। इसमें ऐसे शिक्षक जिनका बायोमेट्रिक सत्यापन हो गया। उसके बाद जन्मतिथि, आधार संख्या की गलत एंट्री और भी कई कारणों से उनका आधार सत्यापन नहीं हो पाया था। वे शिक्षक चार नवंबर तक नाम, जन्मतिथि, लिंग, आधार संख्या और मोबाइल नंबर में परिवर्तन हेतु अपने जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी को आवेदन दे सकते हैं। शिक्षकों के ये अनिवार्य रूप से ये काम करना होगा। शिक्षकों को विभाग की ओर से दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
शिक्षकों को करना होगा ये काम
शिक्षकों की ओर से सौंपे गए आवेदन के आधार पर संबंधित जिले के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना की ओर से संशोधित नाम, जन्मतिथि, लिंग, आधार संख्या और मोबाइल नंबर की प्रविष्ट को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा। शिक्षकों की ओर से आवेदन भरते समय सभी जानकारियों को स्पष्ट करना होगा। इसमें किसी प्रकार की ओवरराइटिंग और करेक्शन को स्वीकार नहीं किया जाएगा। इस प्रक्रिया के पूरा हो जाने के बाद संबंधित शिक्षक का बायोमेट्रिक सत्यापन कराया जाएगा। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना की ओर से दी गई जानकारी सॉफ्टवेयर के माध्यम से जिला शिक्षा पदाधिकारी सत्यापित करेंगे।