मध्य विद्यालय बैरिया में पदस्थापित शिक्षक जकीउद्दीन और मदरसा अजमतिया नसेरूल उतर खुटिया में पदस्थापित शिक्षक गुलाम गौस द्वारा सरकारी सेवा में रहते हुए एक साथ सरकारी वेतन एवं मनरेगा की मजदूरी का लाभ लेने का मामला सामने आया है। ये दोनों सरकारी शिक्षक बायसी के राजद विधायक रुकनुद्दीन के भाई हैं। इस मामले में बायसी के मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी ने बायसी थाना में मामला दर्ज कराया है।
पूर्णिया के दो शिक्षकों ने कमाल कर दिया है। ये दोनों शिक्षक एक साथ कलम एवं कुदाल चला रहे थे। इनका कारनामा तब पकड़ में आया जब बायसी के मीनापुर पंचायत में जॉब कार्ड निर्माण में बरती गई धांधली की जांच की गई।
जांच में यह बात पकड़ में आई कि उन दोनों शिक्षकों ने सरकारी सेवा में रहते हुए एक साथ सरकारी वेतन एवं मनरेगा की मजदूरी का लाभ लिया है। मामला पकड़ में आने के बाद इस मामले में बायसी के मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी रामानुज पंडित ने बायसी थाना में लिखित आवेदन देकर मामला दर्ज कराया है।
पुलिस ने जांच शुरू की
कार्यक्रम पदाधिकारी बायसी ने अपने कार्यालय पत्रांक 31 दिनांक 05. 03. 2025 द्वारा थाना अध्यक्ष बायसी से इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया है। पुलिस ने इस मामले में बायसी थाना कांड संख्या 65/2025 धारा 406, 409, 420 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
दर्ज प्राथमिकी में इस बात का उल्लेख किया गया है कि मध्य विद्यालय बैरिया में पदस्थापित शिक्षक जकीउद्दीन ने सरकारी सेवा में रहते हुए न केवल जॉब कार्ड बनवाया, बल्कि मीनापुर पंचायत के बैरिया गांव के अपने निजी जमीन पर मनरेगा के तहत वृक्षारोपण कर 42742 रुपये का लाभ लिया।
इसके अलावा मदरसा अजमतिया नसेरूल उतर खुटिया में पदस्थापित शिक्षक गुलाम गौस द्वारा जॉब कार्ड बनाकर सोख्ता पिट के लिए 1782 रुपये का लाभ लिया। ये दोनों सरकारी शिक्षक बायसी के राजद विधायक सैयद रुकनुद्दीन अहमद के भाई हैं।
विभागीय नियमानुसार कोई भी सरकारी सेवा का व्यक्ति न जॉब कार्ड बनवा सकता है और न ही जॉब कार्ड के आधार पर मजदूरी के रूप में सरकारी राशि का उठाव कर सकता है।
तीन सदस्यीय टीम ने की थी मामले की जांच
बायसी के मीनापुर पंचायत में जॉब कार्ड निर्माण में बरती गई धांधली की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की गई थी। जिसमें डीआरडीए के निदेशक अमरेन्द्र कुमार सिन्हा, टेशलाल सिंह, भूमि सुधार उपसमाहर्ता बायसी तथा पुरूषोत्तम लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी बायसी को शामिल किया गया।
इस जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि मीनापुर के दो सरकारी शिक्षकों द्वारा सरकारी सेवा में रहते हुए जॉब कार्ड बनवाया गया तथा उन जॉब कार्ड के आधार पर मनरेगा की मजदूरी का भुगतान लिया गया। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद विभागीय अधिकारियों को भी इन दोनों शिक्षकों के संबंध में रिपोर्ट भेज दी गई है।