केंद्र सरकार ने बिहार सरकार को बाढ़ से राहत एवं बचाव कार्य के लिए 655 करोड़ रुपये की राशि जारी की है। राज्य में बीते 24 घंटे के भीतर पांच और बांध टूट गए।
Flood in Bihar: बिहार के उत्तरी जिलों में बाढ़ की स्थिति भयावह हो गई है। मंगलवार को पांच और बांध टूटने से नए इलाकों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया। केंद्र सरकार ने बिहार में बाढ़ से राहत और बचाव कार्य के लिए 655 करोड़ रुपये जारी किए हैं। यह राशि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह राशि एसडीआरएफ को दी है। साथ ही केंद्रीय मंत्रियों की एक टीम राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेगी और नुकसान का जायजा लेगी।
बिहार में बाढ़ की स्थिति भयावह होने के बाद वायुसेना राहत कार्य में उतरी। वायुसेना के दो हेलिकॉप्टरों की मदद से मंगलवार को सीतामढ़ी के बेलसंड और दरभंगा के कीरतपुर, घनश्यामपुर, गौड़ाबराम, कुशेश्वरस्थान आदि बाढ़ प्रभावित इलाकों में हेलिकॉप्टर की मदद से राहत पहुंचाया गया। उधर, उत्तर बिहार में बीते 24 घंटे में पांच जगहों पर तटबंध टूट जाने से दर्जनों नए गांवों में बाढ़ का पानी फैल गया। पश्चिम चंपारण में गंडक व करताहा नदी, पूर्वी चंपारण में गंडक और दरभंगा में कमला बलान के तटबंध पांच जगहों पर टूट गए हैं। उत्तर बिहार में अब तक छोटी-बड़ी नदियों पर 18 जगहों पर तटबंध या रिंग बांध ध्वस्त हुए हैं।
बाढ़ से राज्य के 16 जिलों की 11.84 लाख आबादी प्रभावित हुई है और 76 प्रखंडों की 368 ग्राम पंचायतों के लोग पानी से घिरे हुए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद आपदा प्रबंधन विभाग और जिला प्रशासन ने राहत एवं बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। एनडीआरएफ की 16 एवं एसडीआरएफ की 14 टीमें राहत-बचाव में जुटी हैं। गंडक, कोसी, बागमती, महानन्दा एवं अन्य नदियों में आई बाढ़ से पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चम्पारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, सारण, सहरसा एवं कटिहार जिले प्रभावित हैं।
कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि बाढ़ के कारण राज्य के 19 जिलों में लगभग 2 लाख 24 हजार 597 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है। इधर, बाढ़ की भयावह स्थिति के बीच चंपारण से मधुबनी तक हजारों लोग घरों की छतों व एनएच किनारे शरण लिए हुए हैं। उन्हें राहत पहुंचाने के लिए सामुदायिक किचन के अलावा सेना के हेलिकॉप्टर से राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।
मुजफ्फरपुर के औराई की सभी 116 पंचायतों में बाढ़ का पानी घुस गया है। औराई-रुन्नीसैदपुर सड़क पर करीब डेढ़ फीट पानी है। सहरसा जिले में बलान नदी ने नौ पंचायतों में तबाही मचायी। मधेपुरा जिले में आलमनगर और चौसा प्रखंड के कुछ और गांवों में बाढ़ का पानी फैल गया। खगड़िया में तटबंध के अंदर के क़ई घरों और स्कूलों में बाढ़ का पानी भरा है। कमला बलान का पूर्वी तटबंध गोबराही में टूट जाने से कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड के दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। लोग एनएच किनारे शरण लिए हुए हैं।
सीतामढ़ी : बेलसंड व रुन्नीसैदपुर में बिजली ठप
सीतामढ़ी के बेलसंड में पानी घटा है लेकिन अब भी मुख्य रास्ते पर तीन से चार फीट तक पानी बह रहा है। रुन्नीसैदपुर के प्रखंड व अंचल कार्यालय में दो से तीन फीट तक पानी है। रुन्नीसैदपुर में 24 घंटे से व बेलसंड में दो दिनों से बिजली की आपूर्ति बंद है। बड़ी आबादी को खाने-पीने का संकट है।
मुजफ्फरपुर : छह प्रखंडों में बाढ़, दस लाख आबादी प्रभावित
गंडक नदी में उफान से मुजफ्फरपुर जिले के छह प्रखंडों (औराई, मीनापुर, मीनापुर, पारू, गायघाट, साहेबगंज) की 10 लाख से अधिक आबादी बाढ़ की त्रासदी झेलने को विवश है। औराई और कटरा के बाद गायघाट और मीनापुर के दो दर्जन गांवों में घुस गया है।
पूर्वी चंपारण : सुगौली थाना में डेढ़ फीट पानी
मोतिहारी। पूर्वी चंपारण के अरेराज प्रखंड के सरेया में रिंग बांध टूटने से तीन गांवों के करीब 500 घरों में बाढ़ का पानी फैल गया है। सुगौली थाना कार्यालय व हाजत में करीब डेढ़ फीट पानी है। अन्य जगह से थाने का संचालन किया जा रहा है। केसरिया ब्लॉक में गंडक नदी के किनारे बसे गांवों में बाढ़ से तबाही मची है।