आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के साले पूर्व राज्यसभा सांसद सुभाष यादव को अब जेल में ही रहना होगा। MP-MLA की विशेष कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी है।
राजद सुप्रीमो लालू यादव के साले और पूर्व सांसद सुभाष यादव अब जेल में ही रहना होगा। एमपी-एमएलए के विशेष कोर्ट की न्यायिक दंडाधिकारी सारिका बहालिया ने गुरुवार को उनकी नियमित जमानत अर्जी पर सुनवाई करने के बाद उसे खारिज कर दिया। उनकी जमानत अर्जी का जिला अभियोजन पदाधिकारी उमेश प्रसाद ने विरोध किया। जमीन खरीद-बिक्री मामले में रंगदारी, जालसाजी व धोखाधड़ी से पैसा हड़पने के एक मामले में पूर्व सासंद सुभाष यादव ने मंगलवार को पटना सिविल कोर्ट स्थित एमपी एमएलए कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था।
विशेष कोर्ट ने आरोपित पूर्व सांसद सुभाष यादव को न्यायिक हिरासत में लेते हुए 26 फरवरी तक के लिए बेउर जेल भेज दिया था। उनकी अग्रिम जमानत अर्जी पटना हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो चुकी थी। यह आपराधिक मामला बिहटा थाने में वर्ष 2023 में दर्ज हुआ था। जिसकी जांच बिहटा पुलिस कर रही है।
इससे पहले सुभाष यादव ने पटना की एमएपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में मंगलवार को सरेंडर कर दिया। पुलिस टीम इससे पहले सुभाष यादव के घर पर बुलडोजर लेकर पहुंच गई। कुर्की-जब्ती के डर से उसने सरेंडर कर दिया। सुभाष पर जमीन कब्जे, धोखाधड़ी, रंगदारी समेत कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। अदालत ने सुभाष को भगोड़ा घोषित किया हुआ था। साथ ही संपत्ति को कुर्क करने का आदेश भी जारी किया गया था।
लालू के साले सुभाष के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक उन्होने पीड़ित भीम वर्मा की मां से 96 लाख रुपये में अपनी पत्नी के नाम पर 7 कट्ठा जमीन खरीदी थी। भीम ने आरोप लगाया कि 27 फरवरी 2021 को उसपर 60 लाख रुपये वापस करने को लेकर दबाव बनाया जा रहा है।
शिकायतकर्ता के मुताबिक उनकी मां और भाई को पूर्व सांसद ने अपने घर में बंधक बना लिया और पैसा वापस नहीं करने पर बुरा अंजाम भुगतने की धमकी दी थी। 6 जून 2022 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में यह मामला पहुंचा। सीएम के कहने पर सुभाष यादव और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।